गर्मी की तीव्रता और लू के प्रभाव से देशभर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एयर कंडीशनर (AC) से बाहर निकलते ही तेज धूप में जाने से शरीर को तापमान में अचानक बदलाव का सामना करना पड़ता है, जिससे Brain Stroke (ब्रेन स्ट्रोक) और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
2025 में भारत के विभिन्न शहरों में Brain Stroke (ब्रेन स्ट्रोक) के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। खासकर युवा वर्ग में यह वृद्धि जीवनशैली से जुड़े जोखिमों और पर्यावरणीय कारकों के कारण हो रही है। पिछले वर्ष प्रयागराज में मात्र 72 घंटों में 22 लोगों को ब्रेन हेमरेज का सामना करना पड़ा। इनमें से अधिकांश लोग उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या मोटापे से ग्रसित थे, और गर्मी के कारण उनका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ गया। रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (RIMS) ने भी गर्मी में ब्रेन हेमरेज के मामलों में लगभग 20% की वृद्धि की सूचना दी है।
मार्च से जुलाई 2024 के बीच हीट स्ट्रोक के 67,637 संदिग्ध मामले सामने आए, जिनमें 374 लोगों की मृत्यु हुई। उत्तर प्रदेश (52 मौतें), बिहार (37), ओडिशा (26) और दिल्ली (25) सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहे।
डॉक्टरों का कहना है कि एसी से बाहर निकलते ही धूप में जाना शरीर की तापमान नियंत्रण प्रणाली को झटका देता है। इससे रक्तचाप तेजी से बढ़ता है और मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं।
गर्मी में शरीर को तापमान के अनुसार ढलने दें, अधिक पानी पिएं, सिर को ढककर रखें और उच्च रक्तचाप या मधुमेह के मरीज विशेष सतर्कता बरतें। गर्मी में थोड़ी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। इस मौसम में सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।