भारत में राम वनगमन तीर्थों के संरक्षण में डाक्टर राम अवतार का योगदान ऐतिहासिक : चंपत राय
Udaipur Kiran Hindi April 20, 2025 05:42 AM

अयोध्या, 19 अप्रैल .श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास दिल्ली का दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन शनिवार को कारसेवकपुरम में अयोध्या में शुरू हुआ. इसमे भाग लेने के लिए भारत के लगभग सभी प्रांतों से 150 से अधिक क्षेत्रीय समितियों के कार्यकर्ता आये हुए हैं.

राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने भारत में श्रीराम वनगमन तीर्थों की पहचान, इनके संरक्षण और विकास में इन तीर्थों के शोधकर्ता डाक्टर राम अवतार के योगदान को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि पिछले पांच दशक में डाक्टर राम अवतार भगवान राम की लीला भूमि पर गहन शोध करते हुए लगभग तीन सौ स्थानों की पहचान की है जो अब धीरे धीरे देश के धार्मिक पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता से सम्मिलित होते जा रहे हैं.

इस अवसर पर श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के संस्थापक और प्रबन्ध न्यासी तथा भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के रामायण सर्किट के अध्यक्ष डाक्टर राम अवतार ने कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन न्यास द्वारा अयोध्या में बनाये जा रहे भव्य अंतरराष्ट्रीय श्रीराम संग्रहालय के विविध पक्षों पर गहन विचार विमर्श के लिए आयोजित किया जा रहा है जिसमें अन्तराष्ट्रीय स्तर के विद्वान भाग ले रहे हैं.

उन्होंने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में प्रतिदिन तीन सत्र आयोजित किये जा रहे हैं जिसमें प्रत्येक सत्र में चार विद्वान अपने अपने विषय पर वाल्मीकि रामायण और श्रीराम चरित मानस सहित अन्य रामायण के आधार पर शोध पत्र रखेंगे जिनके आधार पर संग्रहालय में संबधित विषय प्रदर्शित किये जायेंगे.

प्रथम दिन के आयोजित सत्रों में संग्रहालय के भवन निर्माण और वास्तु शिल्प पर प्रख्यात आर्किटेक्ट राकेश वत्स, रामायण कालीन अभियांत्रिकी पर इन्दौर से आये वरिष्ठ अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के देश के प्रख्यात विद्वान श्रीनिवास कुटुंबले, रामायण कालीन विमान शास्त्र और पुष्पक विमान विषय पर भारतीय वायुसेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी और प्राचीन भारत में विमान की अवधारणा पर शोधकर्ता विजय प्रसाद उपाध्याय, रामायण कालीन उपचार विषय पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेचुरीपैथी विशेषज्ञ योगाचार्य राजेश कुमार तथा रामायण कालीन हथियार विषय पर पर दिल्ली से आये ब्रिगेडियर राज बहादुर शर्मा ने शोध पत्र प्रस्तुत किये.

/ पवन पाण्डेय

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