विज्ञान ने भले ही कई क्षेत्रों में प्रगति की हो, लेकिन यह अभी तक यह नहीं जान पाया है कि इस ब्रह्मांड की रचना किसने की और मानवता की उत्पत्ति कैसे हुई। यह प्रश्न अक्सर हमारे मन में उठता है।
धार्मिक ग्रंथों और वैज्ञानिक तथ्यों में इस प्रश्न का कुछ हद तक उत्तर मिलता है, लेकिन ये उत्तर अधूरे होते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि का निर्माण ईश्वर ने किया है, लेकिन मानव जाति का उदय कैसे हुआ, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
इससे भी बड़ा सवाल यह है कि पहला मानव कौन था? वह कहाँ से आया और उसका रचनाकार कौन था? ये सभी प्रश्न ऐसे हैं जिनका उत्तर हर व्यक्ति जानना चाहता है।
हिंदू धर्म के अनुसार, पहले मानव का नाम मनु है, जबकि पश्चिमी सभ्यता में इसे एडेम कहा जाता है। लेकिन इन दोनों का रचनाकार कौन था, यह एक और प्रश्न है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने मनु की रचना की थी। कहा जाता है कि मानव जाति के विकास के लिए ब्रह्मा ने एक पुरुष और एक स्त्री का निर्माण किया।
मनु से उत्पन्न सभी मानव आज की दुनिया में मौजूद हैं। संस्कृत में इसे 'मनुष्य' कहा जाता है, और अंग्रेजी में 'मैन'। ये सभी नाम मनु से जुड़े हुए हैं।
पुराणों में एक कथा है जिसमें भगवान ब्रह्मा ने देवताओं और असुरों का निर्माण किया। इसके बाद, उन्होंने मानवता की रचना का निर्णय लिया।
जब ब्रह्मा ने एक अद्भुत आकृति देखी, तो वह चकित रह गए। यह आकृति मानवता का पहला रूप था, जिसे स्वयंभू मनुष्य कहा जाता है।
बाइबल में भी इसी तरह की कहानी है, जिसमें एडेम का जन्म ईश्वर की छाया से हुआ। यह दर्शाता है कि मनु और एडेम की उत्पत्ति में समानताएँ हैं।
मनु के साथ, भगवान ब्रह्मा ने एक स्त्री शतरूपा की भी रचना की। पुराणों और बाइबल में इन दोनों के जन्म की कहानियाँ समान हैं।
हालांकि हिंदू और पश्चिमी सभ्यताओं में कई समानताएँ हैं, लेकिन कुछ भिन्नताएँ भी हैं। बाइबल में एडेम का निर्माण सीधे ईश्वर द्वारा हुआ, जबकि मनु की रचना ब्रह्मा के शरीर से हुई।
हिंदू पुराणों के अनुसार, केवल एक मनु नहीं, बल्कि कई मनु ने जन्म लिया। पुराणों में यह उल्लेख है कि उस समय 10 मनु का जन्म हुआ था।