हम अक्सर अचार के नाम पर आम, नींबू, मिर्च, गाजर, मूली और आंवला जैसे स्वादिष्ट और सेहतमंद खाद्य पदार्थों को ही सोचते हैं, लेकिन क्या आपने कभी इंसानी अंगों का अचार खाने के बारे में सुना है? यह सुनने में अजीब और चौंकाने वाला जरूर लगता है, लेकिन यह एकदम सच है। लंदन के एसेक्स शहर में एक ऐसी दुकान है, जहाँ इंसानी अंगों का अचार बिकता है, और यह दुकान किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं लगती। इस दुकान में मानव अंगों, जानवरों की खोपड़ी, उनके अवशेष, और अजीबोगरीब चीजें डिब्बों में बंद रखी जाती हैं, जिन्हें देखकर किसी की भी चीख निकल सकती है।
यह दुकान 'क्यूरोसिटीज फ्रॉम द फिफ्थ कॉर्नर' के नाम से जानी जाती है, और इसके मालिक हैनरी स्क्रैग हैं। हैनरी स्क्रैग का मानना है कि उनके इस व्यवसाय को लेकर कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है, क्योंकि समाज में सामान्यत: हम ऐसी चीजों को देखना नहीं चाहते। हालांकि, हैनरी का कहना है कि उनका उद्देश्य लोगों को शरीर के अंगों से जुड़ी उन चीजों को दिखाना है, जिन्हें आम तौर पर लोग देख नहीं पाते। उनका मानना है कि यह दुकान एक शैक्षिक अनुभव प्रदान करती है, जो लोगों को मानव शरीर और अन्य संस्कृतियों की परंपराओं को बेहतर तरीके से समझने का मौका देती है।
इस दुकान में इंसानी अंगों के अलावा जानवरों के अंग और ऐसे ढेरों अजीबोगरीब चीजें हैं, जिन्हें देखने के बाद कोई भी व्यक्ति चौंक सकता है। यहाँ तक कि यहाँ एक कटा हुआ हाथ, महिलाओं के गर्भ, अंडाशय (ओवरी), और नवजात बच्चों के शव तक जार में बंद पड़े हुए हैं। इन सभी चीजों को अचार के शीशे के जारों में रखा गया है, ताकि लोग इनसे जुड़ी विचित्रता को आसानी से देख सकें। यह दृश्य किसी डरावनी फिल्म के दृश्य की तरह लगता है, जो किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है।
हैनरी स्क्रैग इस दुकान को चलाने के लिए मेडिकल बोर्ड से अनुमति प्राप्त कर चुके हैं। उनका कहना है कि इस दुकान में रखी जाने वाली वस्तुओं की कीमत 10 यूरो से लेकर 2650 यूरो (900 रुपये से 2.5 लाख रुपये) तक हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि वे लावारिश शवों और डोनेट किए गए शवों का इस्तेमाल करते हैं। इन शवों और अंगों को पहले फॉर्मलडिहाइड में डुबोकर संरक्षित किया जाता है, ताकि अंगों के टिशू खराब न हों। फिर इन्हें अल्कोहल में डुबाकर संरक्षित किया जाता है।
हैनरी का मानना है कि शरीर के अंगों और उनके अवशेषों को एकत्रित करने और प्रदर्शित करने से यह लोगों को कुछ नया सिखने और समझने का मौका मिलता है। उनके अनुसार, यह प्रक्रिया न केवल एक संग्रहण के रूप में बल्कि एक शैक्षिक और सांस्कृतिक अनुभव के रूप में कार्य करती है। उनका यह भी कहना है कि उनके द्वारा प्रदर्शित किए गए अंगों और अवशेषों के पीछे कोई अपराध नहीं होता, बल्कि ये वस्तुएं केवल शिक्षा और विज्ञान के उद्देश्य से एकत्रित की जाती हैं।
इस दुकान में आने वाले लोग इन अजीबोगरीब चीजों को देखकर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं देते हैं। कुछ लोग इसे डरावना और खौफनाक मानते हैं, तो कुछ इसे एक शैक्षिक अनुभव के रूप में लेते हैं। इस दुकान को देखने वाले लोग अक्सर यह सोचते हैं कि क्या मानव अंगों को इस तरीके से प्रदर्शित करना सही है या नहीं। हालांकि, हैनरी स्क्रैग का कहना है कि वह यह सब कुछ वैधानिक तरीके से करते हैं और उनका उद्देश्य केवल लोगों को शरीर और अंगों के बारे में जानकारी देना है।
यह दुकान और इसके सामान को लेकर कई तरह की चर्चा होती रहती है। कुछ लोग इसे कला के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ इसे अपमानजनक और अमानवीय मानते हैं। बावजूद इसके, हैनरी और उनकी दुकान ने एक नई और अनोखी दुनिया को उजागर किया है, जो न केवल विचित्र है, बल्कि मानव शरीर और संस्कृति को समझने का एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करती है।
इस दुकान के माध्यम से, हम यह समझ सकते हैं कि कैसे हमारी सोच और समाज के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, यह कुछ लोगों के लिए एक विवादास्पद विषय हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से एक विचित्र और सोचने पर मजबूर करने वाली स्थिति है।