आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए केन्द्रीय मंत्री
चंडीगढ़, 22 अप्रैल . केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को करनाल स्थित आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के दीक्षांत समारोह में भाग लिया. यहां उन्हाेंने कहा कि दीक्षांत समारोह का मतलब दीक्षा का अंत नहीं, ये नई शुरुआत है. ये नए जीवन का प्रारंभ है. ये प्रमाण पत्र लेने का दिन नहीं, संकल्प लेने का दिन है, जो ज्ञान आपने लिया है, उसको कर्म में परिणित करके दिखाओ.
इससे पहले शिवराज सिंह ने भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में जीन एडिटिंग प्रयोगशाला का उद्घाटन किया और किसानों से संवाद किया. इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री ने करनाल के कल्पना चावला शासकीय मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक राष्ट्र एक चुनाव कार्यक्रम में शिरकत कर छात्र-छात्राओं को संबोधित किया. दीक्षांत समारोह में केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक स्मारिका का विमोचन भी किया.
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में दीक्षांत समारोह में केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा के तीन उद्देश्य हैं, एक ज्ञान प्राप्त करना, दूसरा कौशल देना, पढ़ने के बाद इतने योग्य बन जाएं कि, अपनी आजीविका चला सकें और तीसरा उद्देश्य है, नागरिकता के संस्कार, जो देशभक्त, चरित्रवान, ईमानदार, परिश्रमी, कर्मठ, केवल अपने लिए नहीं देश के लिए सोचने वाले.
शिवराज सिंह ने कहा कि, तुम ऐसा रोजगार शुरू करो कि, खुद कमाओ और दूसरे भी कमाए, उनकी आजीविका भी चले, इस ज्ञान का बेहतर उपयोग कैसे हो सकता है इसके लिए बेहतर आइडिया सोचो और मामा को भी बताओ. शिवराज सिंह ने कहा कि, हम दुग्ध उत्पादन में नंबर-1 हैं. भारत के दुग्ध उत्पाद दुनिया में छा जाए और हर घर में पहुंचे, इसमें एनडीआरआई आगे बढ़कर भूमिका निभा सकता है. शिवराज सिंह ने कहा कि, हम सब भारत मां के लाल, भेदभाव का कहां सवाल, अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है हमारा, 5 हजार से ज्यादा तो ज्ञात इतिहास है हमारा. दूध और गाय का इतिहास भी देखें तो 5 हजार साल का तो पता है, मोहन जोदड़ो, हड़प्पा की सभ्यता, ईसा पूर्व 3 हजार और उसके बाद ये 2025 चल रहा है, हमारा देश अद्भुत है, मैं दुनिया के अनेकों देशों में गया हूं, लेकिन जो बात भारत में है कहीं पर नहीं है.
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक जमाना था, जब हम अमेरिका का सड़ा हुआ पीएल 480 गेहूं मंगवाते थे, पेट भरने के लिए रिजेकटेड गेहूं मंगाना पड़ता था, लेकिन मैं अपने वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं कि आज हम एक के बाद एक नई किस्में पैदा कर रहे हैं. नए गेहूं की किस्म बनाने के प्रयोग हो रहे हैं. आज भारत गेहूं के उत्पादन में चीन के बाद दूसरे नंबर पर हैं. हम अपना ही नहीं दुनिया के अन्य देशों का भी पेट भर रहे हैं. हमारा शरबती गेहूं आज दुनिया में धूम मचा रहा है. शिवराज सिंह ने कहा कि, अगर देश में एक साथ चुनाव होंगे तो बाकी साढ़े चार साल सरकारें केवल विकास के काम में जुट सकती है. इसलिए देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए. शिवराज सिंह ने संकल्प दिलाते हुए कहा कि दोनों हाथ उठाकर, मुठ्ठी बांधकर कहें कि हम एक राष्ट्र एक चुनाव के पक्ष में हैं.
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शर्मा