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उनका कहना था कि 2 या 3 आतंकी इतने बड़े नरसंहार को अंजाम नहीं दे सकते थे। इसलिए प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर विश्वास करना जरूरी है यही नहीं, ये आशंकाएं इसलिए पैदा हो रही हैं क्योंकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी 25 व 26 अप्रैल के अपने लद्दाख के दौरे का रद्द कर दिया है जबकि इससे पहले राष्ट्रपति भी पहलगाम के बर्बर हमले के बाद आसाम के अपने दौरे को रद्द कर चुकी हैं।
दरअसल, यह जिन सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के निर्देश दिए गए हैं वे सभी कश्मीरी पंडित हैं जो कई साल पहले पलायन कर देश के विभिन्न हिस्सों में बस गए थे और अब सरकारी शर्तों के मुताबिक पीएम पैकेज के तहत कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में नौकरियां कर रहे हैं।
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हालांकि सरकार द्वारा इसके प्रति कोई कारण नहीं दर्शाया गया है पर चर्चाएं यह हैं कि केंद्र सरकार पहलगाम हमले के विरुद्ध कोई कार्रवाई कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अंजाम दे सकते हैं और इसमें उसे आशंका है कि बदले की भावना में आतंकी या उनके समर्थक उन कश्मीरी पंडितों को नुक्सान पहुंचा सकते हैं जो पीएम पैकेज के तहत अभी भी कश्मीर में कार्यरत हैं। ऐसे में उन्हें वर्क फ्रॉम होम के आदेश देकर सुरक्षित फ्लैटों में रहने के लिए कहा गया है।ALSO READ:
कश्मीरी पंडितों को दिया वर्कफ्रॉम होमवैसे चर्चाएं यह भी हैं कि केंद्र सरकार की जवाबी कार्रवाई की कवायद की जो तैयारी की जा रही है उसके लिए रक्षा व गृह मंत्रियों को नई दिल्ली में ही उपस्थित रहने को कहा गया है। यही कारण था कि मिलने वाले समाचारों के अनुसार, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 25 व 26 अप्रैल के अपने लद्दाख के दौरे को रद्द कर दिया है।
Edited by: Sudhir Sharma