भगवान श्रीकृष्ण: महाभारत के समय में भगवान श्रीकृष्ण ने कलयुग में होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी की थी। जब पांडव अपने सभी सामान को जुए में हारकर वन की ओर जा रहे थे, तब युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से पूछा कि कलयुग में क्या-क्या होगा। श्री कृष्ण ने उन्हें वन जाने का निर्देश दिया और कहा कि शाम को लौटकर बताएं कि उन्होंने क्या देखा। पांडवों ने वन में जो देखा, उसके बारे में जानें।
युधिष्ठिर ने कहा कि उन्होंने वन में दो सूंड वाले हाथी को देखा। श्री कृष्ण ने बताया कि इसका अर्थ है कि कलयुग में ऐसे लोग होंगे जो बातें कुछ और करेंगे और कार्य कुछ और। वे लोगों का शोषण करेंगे। यह भविष्यवाणी आज भी सही साबित हो रही है।
अर्जुन ने कहा कि उसने एक पक्षी को देखा, जिसके पंखों पर वेद की ऋचाएं थीं, लेकिन वह मरे हुए जानवर का मांस खा रहा था। श्री कृष्ण ने कहा कि इसका मतलब है कि कलयुग में जो लोग ज्ञानी होने का दावा करेंगे, उनका आचरण राक्षसी होगा।
भीम ने कहा कि उसने देखा कि एक गाय अपने बछड़े को इतना चाट रही थी कि वह लहूलुहान हो गया। श्री कृष्ण ने कहा कि इसका अर्थ है कि कलयुग में मां की ममता के कारण बच्चों का विकास रुक जाएगा।
सहदेव ने कहा कि उसने देखा कि सात भरे हुए कुओं के बीच एक कुआं खाली था। श्री कृष्ण ने कहा कि इसका अर्थ है कि कलयुग में भूखे की कोई मदद नहीं करेगा। अमीर लोग अपने बच्चों की शादी में खर्च करेंगे, लेकिन भूख से मरने वालों की अनदेखी करेंगे।
नकुल ने कहा कि उसने देखा कि एक बड़ी चट्टान बड़े वृक्षों से टकराने के बाद भी नहीं रुकी, लेकिन एक छोटे पौधे से टकराते ही रुक गई। श्री कृष्ण ने कहा कि इसका अर्थ है कि कलयुग में मनुष्य का पतन रुक जाएगा यदि वह हरिनाम का जप करेगा।