Navodaya Vidyalaya Admission 2025: जानिए पूरी प्रक्रिया स्टेप-बाय-स्टेप, ताकि फॉर्म भरते समय न हो कोई गलती
aapkarajasthan April 24, 2025 09:42 PM

देशभर में 1985 में नवोदय विद्यालय की स्थापना की गई थी। नई शिक्षा नीति के तहत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सोच थी कि ग्रामीण इलाकों में भी कई प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। हम उन्हें निखार सकते हैं। उन्हें सही अवसर दे सकते हैं। ऐसी सोच के साथ नवोदय विद्यालय की स्थापना की गई थी। नवोदय विद्यालय में छात्रों को आसानी से प्रवेश मिल जाता है। नवोदय विद्यालय में छात्रों को सभी सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध हैं। नवोदय विद्यालय में प्रवेश मिलने के बाद छात्र एक होनहार छात्र के रूप में उभरता है।

दोसा के खेरली गांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल मोहम्मद हुसैन ने बताया कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए नवोदय विद्यालय व्यवस्था की स्थापना की गई थी। तब से यह चल रही है। देशभर में 650 से ज्यादा स्कूल चलाए जा रहे हैं। हर जिले में कम से कम एक नवोदय विद्यालय चलाया जा रहा है। लेकिन तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्यों में नवोदय विद्यालय चलाए जा रहे हैं।

उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने की होती है मानसिकता
प्रधानाचार्य मोहम्मद हुसैन ने बताया कि जब विद्यार्थी नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेते हैं तो उन विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने की हमेशा मानसिकता होती है। एक बार विद्यार्थी यहां प्रवेश ले लेता है तो वह सामान्य बच्चों से अलग हो जाता है। यहां की जीवनशैली और पढ़ाई अन्य विद्यालयों से अलग होती है।

विद्यार्थियों की पढ़ाई और रहने का खर्च केंद्र सरकार उठाती है
प्रधानाचार्य मोहम्मद ने बताया कि नवोदय विद्यालय में रहने वाले सभी विद्यार्थियों का खर्च केंद्र सरकार उठाती है। यहां पढ़ाई के लिए दी जाने वाली सभी सुविधाएं निशुल्क हैं। विद्यार्थियों को रहने के लिए आवास की भी सुविधा है। किसी भी विद्यार्थी को कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है। जो भी खर्च होता है, वह नवोदय विद्यालय की समिति द्वारा वहन किया जाता है। विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ता है।

यह है प्रवेश प्रक्रिया
प्रधानाचार्य मोहम्मद ने बताया कि नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेने के लिए किसी भी वर्ग या छात्रा के लिए किसी भी प्रकार की कोई सीट आरक्षित नहीं है। कक्षा 5 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सामाजिक वर्ग से प्राप्त आरक्षण की श्रेणियों के आधार पर कक्षा 6 की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। यह परीक्षा साल में एक बार आयोजित की जाती है। यह परीक्षा जनवरी या फरवरी माह में आयोजित की जाती है।

छात्र उसी जिले का होना चाहिए

जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने वाला छात्र जिस जिले में पढ़ना चाहता है, उसी जिले का निवासी होना चाहिए। प्रवेश के बाद छात्र कक्षा 6 से कक्षा 12 तक नवोदय विद्यालय में रहकर पढ़ाई कर सकता है। यदि कक्षा 5 में पढ़ने वाले छात्र के प्रवेश के दौरान भी सीट खाली रहती है, तो उसे उन सीटों पर कक्षा 9 और कक्षा 11 की परीक्षा देनी होती है, जिसके बाद प्रवेश दिया जाता है।

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