शिमला, 24 अप्रैल . स्वर्ण आयोग के गठन और अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी के विरोध में गुरुवार को देवभूमि क्षत्रिय संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों ने टॉलेंड से सचिवालय तक रोष रैली निकाली और फिर छोटा शिमला के पास चक्का जाम कर दिया. इस दौरान ओल्ड बस स्टैंड से छोटा शिमला और संजौली मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों के सड़क पर बैठ जाने से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. ओल्ड बस अड्डे से संजौली जाने वाले मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया गया जबकि संजौली की ओर जाने वाली बसों को वैकल्पिक मार्ग लक्कड़ बाजार से होकर भेजा गया. छोटा शिमला की ओर जाने वाले यात्रियों को पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा.
देवभूमि क्षत्रिय संगठन का कहना है कि स्वर्ण आयोग के गठन की मांग पिछले दो वर्षों से लंबित है. संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने छह महीने के भीतर आयोग गठन का आश्वासन दिया था, लेकिन अब दो साल बीत चुके हैं और मांग पर कोई अमल नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जब अन्य वर्गों के लिए आयोग बनाए जा सकते हैं तो स्वर्ण समाज के लिए भी आयोग गठित किया जाना चाहिए.
संगठन ने अंतरजातीय विवाह के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी को भी अनुचित ठहराया है. ठाकुर ने कहा कि सरकार इस नीति के जरिए सामाजिक संतुलन बिगाड़ रही है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक इन दोनों मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता, संगठन का आंदोलन जारी रहेगा.
गौरतलब है कि क्षत्रिय संगठन बीते सात दिनों से शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरने पर बैठा है और अब सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर दबाव बढ़ा रहा है. संगठन का आज का प्रदर्शन राजधानी के मुख्य मार्गों को प्रभावित कर रहा है और स्थानीय लोगों के लिए रोजमर्रा की आवाजाही कठिन होती जा रही है.
संगठन की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर सरकार ने जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
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/ उज्जवल शर्मा