जयनगर-पटना नमो भारत रैपिड रेल का किराया और समय सारणी: बिहार के रेल यात्रियों के लिए एक नया युग शुरू हो चुका है। जयनगर से पटना के बीच शुरू हुई नमो भारत रैपिड रेल ने गुरुवार, 24 अप्रैल 2025 को अपनी पहली यात्रा पूरी की, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी के झंझारपुर में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह ट्रेन 110 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है और समस्तीपुर पहुंचने पर यात्रियों के चेहरों पर खुशी बिखेर गई। पूरी तरह वातानुकूलित (एसी) यह ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है, जो बिहार के लोगों के सफर को तेज, आरामदायक, और यादगार बना रही है। आइए जानते हैं, इस ट्रेन की खासियत, रूट, और टाइमिंग के बारे में।
जयनगर-पटना नमो भारत रैपिड रेल बिहार की पहली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन है, जो 267 किलोमीटर की दूरी को केवल 5 घंटे में तय करती है। पहले इस रूट पर यात्रा में 7 से 8 घंटे लगते थे, लेकिन अब यह ट्रेन दो घंटे कम समय में यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रही है।
यात्री शुभम कर्ण ने उत्साह जताते हुए कहा, “यह ट्रेन बिहार के लिए एक बड़ा तोहफा है। 110 किमी प्रति घंटे की स्पीड और एसी कोच के साथ सफर अब सुहाना हो गया है। बस यात्रियों से अपील है कि ट्रेन की साफ-सफाई का ध्यान रखें।” समस्तीपुर के एक अन्य यात्री ने इसे “बिहार की शान” बताया, जो स्थानीय लोगों के लिए समय और सुविधा दोनों बचाएगी।
नमो भारत रैपिड रेल जयनगर से पटना के बीच सात प्रमुख स्टेशनों पर रुकती है, जिससे उत्तरी बिहार के कई शहरों को राजधानी पटना से जोड़ा जा रहा है। यह ट्रेन मधुबनी, सकरी, दरभंगा, समस्तीपुर, बरौनी, मोकामा, और बाढ़ स्टेशनों पर रुकती है।
यह कनेक्टिविटी न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, और प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच को भी आसान बनाएगी। स्थानीय हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, और छोटे उद्यमियों को बड़े बाजारों तक पहुंचने का मौका मिलेगा।
25 अप्रैल 2025 से यह ट्रेन नियमित रूप से चलेगी। गाड़ी संख्या 94803 जयनगर से सुबह 5:00 बजे रवाना होगी और मधुबनी (5:28 बजे), सकरी (5:43 बजे), दरभंगा (6:15 बजे), समस्तीपुर (7:25 बजे), बरौनी (8:45 बजे), मोकामा (9:24 बजे), और बाढ़ (9:41 बजे) होते हुए सुबह 10:30 बजे पटना पहुंचेगी।
ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी, जिसमें जयनगर से शनिवार और पटना से शुक्रवार को छुट्टी रहेगी। वापसी में, यह पटना से शाम 6:05 बजे रवाना होकर रात 11:02 बजे जयनगर पहुंचेगी।
16 कोच वाली यह ट्रेन मेक-इन-इंडिया का शानदार नमूना है। इसमें ऑटोमेटिक दरवाजे, कवच स्वचालित सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी निगरानी, आग बुझाने की प्रणाली, और आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट जैसी सुविधाएं हैं। आरामदायक सीटें, टाइप-सी और टाइप-ए चार्जिंग सॉकेट, वैक्यूम टॉयलेट, और दिव्यांगजन के लिए विशेष शौचालय इसे विश्वस्तरीय बनाते हैं।
डिजिटल रूट मैप इंडिकेटर यात्रियों को अगले स्टेशन की जानकारी देता है, जो मेनलाइन रेलवे में पहली बार इस्तेमाल हुआ है। धूल-रोधी गलियारे और पूरी तरह वातानुकूलित कोच सफर को और सुखद बनाते हैं।
नमो भारत रैपिड रेल का किराया अभी घोषित नहीं हुआ है, लेकिन मौजूदा ट्रेनों (400-550 रुपये) की तुलना में यह किफायती होने की उम्मीद है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे ट्रेन की साफ-सफाई का ध्यान रखें और समय पर स्टेशन पहुंचें।
नमो भारत रैपिड रेल के साथ-साथ, 24 अप्रैल को बिहार को तीन अन्य ट्रेनों का तोहफा मिला। सहरसा और मुंबई के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस, पिपरा-सहरसा, और सहरसा-समस्तीपुर के बीच नई यात्री ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई गई। अमृत भारत एक्सप्रेस सहरसा से सुबह 11:40 बजे रवाना होकर अगले दिन सुबह 11:30 बजे मुंबई पहुंचेगी, जो 34 घंटे में सफर पूरा करेगी। इन ट्रेनों ने बिहार की रेल कनेक्टिविटी को और मजबूत किया है।