अब दिल्ली जयपुर से ज्यादा दूर नहीं है। अगले महीने के अंत से जयपुर से दिल्ली का सफर मात्र ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा। यह सुविधा गुलाबी नगर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद उपलब्ध होगी। वर्तमान में दिल्ली से जयपुर या जयपुर से दिल्ली तक यात्रा करने में कम से कम 4 घंटे लगते हैं। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दिल्ली से जयपुर जाने वाले लोग दिल्ली-जयपुर हाईवे के बजाय दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से यात्रा करना शुरू कर देंगे। इससे दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर भारी यातायात से भी कुछ राहत मिलेगी।
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि 1380 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम रणथंभौर तक पूरा हो चुका है। चूंकि यह एक्सप्रेसवे गुलाबी नगर को सीधे तौर पर नहीं जोड़ता है, इसलिए दिल्ली से जयपुर जाने वाले वाहन दिल्ली-जयपुर राजमार्ग का उपयोग करते हैं। इस राजमार्ग पर पहले से ही भारी यातायात के कारण वाहन पूरी गति से नहीं चल सकते। वहीं, बीच-बीच में ट्रैफिक जाम भी परेशानी का कारण बनता है। अब 67 किलोमीटर लंबे जयपुर-बांदीकुई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के चालू हो जाने के बाद वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेंगे और मात्र 30 मिनट में बांदीकुई तथा ढाई घंटे में दिल्ली पहुंच सकेंगे।
दिल्ली से जयपुर तक की यात्रा पूरी करने में 5 घंटे लगते हैं।
एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में जयपुर से बांदीकुई तक का सफर एक घंटे में पूरा होता है, जबकि दिल्ली तक का सफर चार से पांच घंटे का होता है। बड़ी बात यह है कि जयपुर सीधे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा, जो देश की आर्थिक राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ता है। एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की तरह इस बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे पर कोई टोल प्लाजा नहीं होगा। इसके बजाय, प्रवेश और निकास बिंदुओं पर स्थापित टोल प्रणाली के माध्यम से टोल एकत्र किया जाएगा।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण रणथंभौर तक पूरा हो गया
एनएचएआई के परियोजना निदेशक (दौसा) बीएस यादव के अनुसार यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे अगले माह के अंत तक चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली से रणथम्भौर तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो चुका है। अब रणथंभौर से वडोदरा तक का काम अंतिम चरण में है और वह भी अगले महीने के मध्य तक पूरा हो जाएगा। इसमें से कोटा में सुरंग का कुछ काम अभी भी बाकी है।
दर्जनों शहरों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी
जैसे ही यह कार्य पूरा हो जाएगा, गुरुग्राम से वडोदरा तक सीधी कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी। वर्तमान में गुरुग्राम से वडोदरा तक जाने में लगभग 22 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से वहां केवल 10 घंटे में पहुंचना संभव हो सकेगा। इससे अलवर, जयपुर, दौसा, किशनगढ़, अजमेर, रणथंभौर, सवाई माधोपुर, लालसोट, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, रतलाम, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे शहरों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।