ति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी नोकझोंक आम बात होती है, लेकिन जब यही बहस गुस्से और हिंसा में बदल जाए, तो इसका अंजाम खौफनाक हो सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ इंडोनेशिया के एक दंपति के साथ, जहां एक मामूली सी बात ने एक पति की जान ले ली।
यह चौंकाने वाली घटना इंडोनेशिया के वेस्ट नूसा टेंगारा के ईस्ट लोम्बाक रीजेंसी की है। 26 वर्षीय डेडी पूरनामा अपने घर की छत की मरम्मत कर रहे थे, तभी उनकी पत्नी इल्हाम चहयानी ने उनसे मोबाइल फोन का पासवर्ड मांगा। जब डेडी ने उसे पासवर्ड देने से मना कर दिया, तो दोनों के बीच बहस शुरू हो गई।
हालात तब और बिगड़ गए जब यह बहस मारपीट में बदल गई। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, डेडी ने अपनी पत्नी पर हाथ उठाया। इसके बाद गुस्से में आई इल्हाम ने घर में रखे पेट्रोल का एक कैन उठाया और डेडी पर छिड़क कर आग लगा दी।
देखते ही देखते डेडी आग की लपटों में घिर गए। पड़ोसी ओजी नाम के व्यक्ति ने जब घर से धुआं और आग की लपटें उठती देखीं, तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव की कोशिश की। डेडी को तुरंत केरुआक हेल्थ सेंटर ले जाया गया, लेकिन दो दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
डॉक्टरों के अनुसार, डेडी का ऊपरी शरीर बुरी तरह जल गया था, जिससे उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। घटना के बाद पुलिस ने डेडी की पत्नी इल्हाम चहयानी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
ईस्ट लोम्बॉक के पुलिस प्रमुख मेड योगी ने बताया कि शुरुआती बहस का मुद्दा सिर्फ मोबाइल का पासवर्ड था। लेकिन यह मामला इतनी तेजी से हिंसक हो गया कि देखते ही देखते एक व्यक्ति की जान चली गई।
फिलहाल पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। चश्मदीद गवाहों से पूछताछ की जा रही है और इल्हाम से पूछताछ के आधार पर पूरे घटनाक्रम को समझने की कोशिश की जा रही है।
एक सीख – गुस्से में उठाया गया कदम बना जानलेवा
यह घटना इस बात की चेतावनी है कि गुस्सा किसी भी रिश्ते को बर्बाद कर सकता है। एक छोटा सा विवाद, जो सामान्य बातचीत से सुलझ सकता था, उसने एक घर उजाड़ दिया और एक युवक की जान ले ली।
आज के समय में मोबाइल और गोपनीयता को लेकर बहस होना आम बात है, लेकिन हिंसा इसका समाधान नहीं हो सकता। इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि रिश्तों में भरोसे और संयम की कितनी जरूरत है।
निष्कर्ष:
इंडोनेशिया की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि रिश्तों में संवाद और समझदारी कितनी जरूरी है। छोटी बातों को बड़ा बनने से पहले संभाल लेना ही समझदारी है। वरना एक पल की चूक जिंदगी भर का पछतावा बन सकती है।