No Tax on Stock Market Profits: शेयर और म्यूचुअल फंड्स के प्रॉफिट पर टैक्स नहीं लगेगा, जानिए इसके लिए 4 जरूरी शर्तें

शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को बेचने से होने लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म प्रॉफिट पर हमेशा टैक्स नहीं लगता है. दरअसल, आयकर अधिनियम 1961 में कुछ खास एक्जेम्पशन और एक्सेप्शन दिए गए हैं, जिनका फायदा आप अपनी परिस्थितियों के हिसाब से उठा सकते हैं.एक ब्रोकिंग हाउस को सीए डॉ. सुरेश सुराना ने बताया कि कुछ खास स्थितियों में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स और शेयरों से मिलने वाले प्रॉफिट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) टैक्स नहीं लगता है. आइए अब उन परिस्थितियों के बारे में जानते हैं, जब शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को बेचने पर LTCG या STCG नहीं लगेगा. जब आपकी टोटल इनकम बेसिक छूट सीमा से कम होआपकी पूरी साल की इनकम, जिसमें शेयर बेचकर मिला फायदा भी शामिल हो, अगर वह ₹2.5 लाख (पुरानी टैक्स व्यवस्था) या ₹4 लाख (नई टैक्स व्यवस्था - 2025-26 से) से कम है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. जब लेन-देन टैक्स के दायरे में ही नहीं आताकुछ ट्रांजैक्शन को इनकम टैक्स एक्ट में 'ट्रांसफर' माना ही नहीं जाता, इसलिए उन पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता. जैसे- किसी को गिफ्ट में शेयर या म्यूचुअल फंड देना और किसी ट्रस्ट में अचल संपत्ति ट्रांसफर करना (अगर ट्रस्ट इर्रिवोकेबल है). शर्त ये है कि यह ट्रांसफर व्यक्ति या HUF (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) द्वारा किया गया हो. जब LTCG लिमिट के अंदर होअगर आपने किसी साल में शेयर या म्यूचुअल फंड से जो लॉन्ग टर्म गेन कमाया है वह ₹1.25 लाख से कम है और उस पर STT (सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स) दिया गया है, तो यह भी पूरी तरह टैक्स फ्री होगा. जब LTCG के जरिए कोई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीद लें (सेक्शन 54F)अगर आपने म्यूचुअल फंड या शेयर बेचकर मिले अमाउंस से कोई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदी है, तो Section 54F के तहत आपको LTCG पर छूट मिल सकती है. इसके लिए कुछ नियमों का पालन जरूरी है, जैसे - निवेश पूरी तरह से एक नई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में होना चाहिए. प्रॉपर्टी का पूरा पेमेंट LTCG से की गई अमाउंट से होना चाहिए, नहीं तो जितना हिस्सा LTCG से कवर नहीं होता, उस पर टैक्स लगेगा. इसके साथ ही प्रॉपर्टी को कम से कम 3 साल तक रखना होगा, अन्यथा छूट वापस ले ली जाएगी और टैक्स लगाया जाएगा.