इस धरती पर कई अद्भुत स्थान हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जो बिल्कुल अलग है। यह स्थान यमन के तट से दूर हिंद महासागर में स्थित सोकात्रा द्वीप है। इसे 'पृथ्वी पर एलियन का बसेरा' भी कहा जाता है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, पेड़-पौधे और जीव-जंतु ऐसे हैं जैसे वे किसी दूसरी दुनिया से आए हों।
ड्रैगन ब्लड ट्री: यह द्वीप का सबसे प्रसिद्ध पेड़ है, जिसे 'ड्रैगन ब्लड ट्री' कहा जाता है। यह पेड़ छतरी के आकार का होता है और इसकी शाखाएँ ऊपर की ओर फैली रहती हैं। इसके तने से लाल रंग का रस निकलता है, जिसका उपयोग प्राचीन समय में दवा और रंग के लिए किया जाता था।
अनोखे जीव-जंतु: सोकात्रा की 37% पौधों की प्रजातियाँ और 90% सरीसृप प्रजातियाँ विश्व में कहीं और नहीं मिलतीं। यहाँ के कीड़े, पक्षी और समुद्री जीव भी बेहद विचित्र हैं। उदाहरण के लिए, 'सोकात्रा ब्लू बर्ड' और अजीब दिखने वाली छिपकलियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
रेगिस्तानी गुलाब: यह एक अनोखा पौधा है जो मोटे तने के साथ जमीन पर फैलता है और छोटे गुलाबी फूल उगाता है। यह ऐसा लगता है जैसे किसी ने रेगिस्तान में कोई विचित्र सजावट की हो।
सफेद रेत और नीला पानी: द्वीप के समुद्र तटों पर चमकदार सफेद रेत और क्रिस्टल साफ नीला पानी है, जो इसे स्वर्ग जैसा बनाता है। इसके साथ ही चट्टानी पहाड़ और अजीब आकार की चट्टानें इसे रहस्यमयी बनाती हैं।
सोकात्रा की भौगोलिक अलगाव ने इसे जैव विविधता का एक अनोखा केंद्र बना दिया है। यहाँ के लोग सोकात्री भाषा बोलते हैं, जो प्राचीन दक्षिणी अरबी भाषा से संबंधित है। यहाँ की गुफाओं में प्राचीन चित्र और अवशेष मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि यहाँ हजारों साल पहले भी लोग निवास करते थे। कुछ किंवदंतियाँ कहती हैं कि यहाँ जादू और आत्माएँ बसती हैं, जिससे यह और भी रहस्यमयी बन जाता है।
सोकात्रा एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, लेकिन यमन के राजनीतिक संकट के कारण यहाँ पर्यटन सीमित है। फिर भी, जो लोग यहाँ आते हैं, वे इसे 'दूसरे ग्रह' जैसा अनुभव बताते हैं। यहाँ की सड़कें कम हैं, बिजली सीमित है, और इंटरनेट लगभग न के बराबर है। यह स्थान उन साहसी यात्रियों के लिए है जो प्रकृति के सबसे विचित्र रूप को देखना चाहते हैं।