Lunar Eclipse 2025: साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर को! भारत में दिखेगा ब्लड मून, जानें सूतक काल के नियम
Rochak Sr Editor April 26, 2025 01:05 PM

नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025: सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण — दुनियाभर के लोगों में इसे लेकर हमेशा खास जिज्ञासा रहती है। वर्ष 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को और सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगा था, लेकिन दोनों ही भारत में नजर नहीं आए थे। अब सभी की नजरें साल के दूसरे चंद्र ग्रहण पर टिकी हैं, जो सितंबर में लगने वाला है।

📅 कब लगेगा साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण?

इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 की रात से 8 सितंबर की मध्यरात्रि तक लगेगा।
समय: रात 9:57 बजे से लेकर 12:23 बजे तक
🌕 यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और इसमें चंद्रमा सुर्ख लाल दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है।

🌍 किन देशों में दिखाई देगा यह चंद्र ग्रहण?

यह चंद्र ग्रहण निम्नलिखित क्षेत्रों में देखा जा सकेगा:

  • भारत

  • एशिया के अन्य देश

  • यूरोप

  • ऑस्ट्रेलिया

  • अंटार्कटिका

  • अटलांटिक, हिंद और प्रशांत महासागर के क्षेत्र

चूंकि यह ग्रहण भारत में भी स्पष्ट रूप से दिखेगा, इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी काफी बढ़ जाता है।

🕉️ क्या भारत में लगेगा सूतक काल?

हां, चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए हिंदू धर्म के अनुसार सूतक काल लागू होगा।
➡️ सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू होता है, यानी 7 सितंबर की सुबह से ही सूतक काल प्रभावी हो जाएगा।

📜 सूतक काल के दौरान क्या करें और क्या न करें?

क्या न करें:

  • कोई भी शुभ कार्य या पूजा-पाठ न करें।

  • भोजन बनाना या खाना वर्जित होता है।

  • गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

क्या करें:

  • भोजन में तुलसी के पत्ते डालकर उसे सुरक्षित रखें।

  • धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन, ध्यान और मंत्र जाप करें।

  • ग्रहण समाप्ति के बाद गंगाजल का छिड़काव करें।

🔍 निष्कर्ष: यह चंद्र ग्रहण खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से दोनों ही महत्वपूर्ण

7-8 सितंबर को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला एक दुर्लभ और आकर्षक खगोलीय दृश्य होगा। धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्णिमा पर लगने वाला ग्रहण और ब्लड मून दोनों विशेष माने जाते हैं। अगर आप भी इस अद्भुत दृश्य को देखना चाहते हैं, तो समय और स्थान की सही जानकारी लेकर तैयार रहें — और सूतक काल के नियमों का पालन अवश्य करें।

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