भारतीय सेना के विभाजन की कहानी: पाकिस्तान गए सैनिकों का इतिहास
Gyanhigyan April 26, 2025 01:42 PM
भारतीय सेना की वीरता और विभाजन का इतिहास

भारतीय सेना की बहादुरी के किस्से आपने कई बार सुने होंगे। आजादी के बाद से, ये सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। चाहे वह पाकिस्तान हो या चीन, भारतीय सेना ने हमेशा अपने साहस का परिचय दिया है।


इस लेख में हम उन सैनिकों की चर्चा करेंगे, जो विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे।


आजादी के बाद सैनिकों का बंटवारा

आपने विभाजन की त्रासदी के बारे में पढ़ा होगा। जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ, तो कई शहर, गांव और बस्तियां दो नए देशों के बीच बांट दी गईं। इस समय भारतीय सेना का भी बंटवारा हुआ। लगभग 260,000 सैनिक, जो हिंदू और सिख थे, भारत में रहे, जबकि 140,000 मुस्लिम सैनिक पाकिस्तान चले गए। इस प्रकार, भारतीय सेना के दो तिहाई सैनिक भारत में और एक तिहाई पाकिस्तान में शामिल हो गए।


सैनिकों के बंटवारे का आधार

देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था। मुस्लिमों के लिए पाकिस्तान और हिंदुओं व सिखों के लिए भारत था। हालांकि, सैनिकों को यह अधिकार दिया गया कि वे अपनी इच्छा से किसी भी देश का चुनाव कर सकते हैं। इसी आधार पर भारतीय सेना का बंटवारा हुआ। पहले धर्म के आधार पर सैनिकों का विभाजन किया गया, और फिर उन्हें अपनी मर्जी से सेना में शामिल होने की स्वतंत्रता दी गई। माना जाता है कि विभाजन से पहले भारतीय सेना में 30 से 36 प्रतिशत मुस्लिम सैनिक थे, लेकिन विभाजन के बाद यह संख्या घटकर लगभग दो प्रतिशत रह गई।


राजपूताना राइफल्स की मुस्लिम टुकड़ी

राजपूताना राइफल्स की बहादुरी के कई किस्से मशहूर हैं। इस रेजिमेंट में एक मुस्लिम सैनिकों की टुकड़ी भी थी। जब देश का बंटवारा हुआ, तो यह टुकड़ी पाकिस्तान चली गई और बलूच रेजिमेंट में शामिल हो गई।


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