बिहार में मुर्गी पालन के लिए सब्सिडी योजना: बिहार के युवाओं के लिए स्वरोजगार का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत किया गया है। राज्य सरकार की लेयर मुर्गी पालन योजना न केवल उद्यमिता को बढ़ावा देती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है।
इस योजना के अंतर्गत, आप लेयर मुर्गी फार्म स्थापित कर सकते हैं और सरकार से 40% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि यह योजना आपके सपनों को कैसे साकार कर सकती है।
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लेयर मुर्गी पालन योजना की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य अंडा उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना भी है।
चाहे आप गांव में हों या शहर में, यह योजना आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। स्थानीय निवासी राहुल कुमार ने कहा, “मैं इस योजना के बारे में जानकर बहुत खुश हूं। यह मेरे जैसे युवाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका है।”
इस योजना के तहत दो प्रकार के लेयर मुर्गी फार्म स्थापित किए जा सकते हैं। पहला, 10,000 मुर्गियों की क्षमता वाला फार्म, जिसमें फीड मिल भी शामिल है। दूसरा, 5,000 मुर्गियों की क्षमता वाला फार्म। दोनों प्रकार के फार्म की स्थापना पर सरकार 30% से 40% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।
सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लिए 30% अनुदान उपलब्ध है, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के लाभार्थियों को 40% तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह अनुदान फार्म की स्थापना के खर्च को काफी हद तक कम कर देगा।
योजना की एक विशेषता यह है कि सरकार न केवल फार्म स्थापित करने के लिए अनुदान दे रही है, बल्कि बैंक ऋण के ब्याज पर भी सहायता प्रदान कर रही है।
पहले चार वर्षों तक ऋण के ब्याज का 50% हिस्सा सरकार वहन करेगी। इससे उद्यमियों पर आर्थिक बोझ कम होगा और वे अपने व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। पशु संसाधन विभाग के अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया, “यह योजना युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है। ब्याज पर सब्सिडी इसे और आकर्षक बनाती है।”
लेयर मुर्गी पालन योजना का एक प्रमुख उद्देश्य बिहार को अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। वर्तमान में राज्य में अंडों की मांग तेजी से बढ़ रही है, और इस योजना से स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करेगी, जिससे गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो कम निवेश में बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।
आवेदन प्रक्रिया सरल है, और विभाग के स्थानीय कार्यालयों से भी सहायता प्राप्त की जा सकती है। आवेदकों को अपनी श्रेणी (सामान्य, पिछड़ा, अनुसूचित जाति/जनजाति) के आधार पर आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। विशेषज्ञों की सलाह है कि आवेदन से पहले योजना की शर्तों को अच्छी तरह समझ लें।
लेयर मुर्गी पालन न केवल एक लाभकारी व्यवसाय है, बल्कि यह बिहार के ग्रामीण युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है। सरकार की इस पहल ने हजारों युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने का हौसला दिया है।
जैसे-जैसे यह योजना आगे बढ़ेगी, बिहार पोल्ट्री उद्योग में एक नया मुकाम हासिल कर सकता है। यदि आप भी उद्यमी बनने का सपना देख रहे हैं, तो यह योजना आपके लिए एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।