गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि इनमें से कई लोग ड्रग्स और मानव तस्करी में शामिल हैं और हाल ही में गिरफ्तार किए गए चार बांग्लादेशियों में से दो अलकायदा के स्लीपर सेल में काम करते थे। इन बांग्लादेशियों की पृष्ठभूमि और गुजरात में उनकी गतिविधियों की जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हम देश के विभिन्न हिस्सों और गुजरात में पहुंचने के लिए उनके नकली दस्तावेजों की भी जांच करेंगे और नकली दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संघवी ने कहा कि पुलिस को समूचे गुजरात में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार पाकिस्तानी नागरिकों को गुजरात छोड़ने का स्पष्ट आदेश दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि दूसरे देशों के नागरिक उनके राज्य में अवैध रूप से न रहें। मंत्री ने अभियान चलाकर पूरी रात ‘‘घुसपैठियों’’ को सफलतापूर्वक पकड़ने के लिए अहमदाबाद शहर और सूरत पुलिस को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को इस बात का सबूत दिया जाएगा कि हिरासत में लिए गए लोगों ने उस राज्य (बंगाल) में कैसे फर्जी दस्तावेज बनवाए।
परेड निकाली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्य सरकारों को विदेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने का निर्देश दिया था। इसके बाद गुजरात सरकार ने पुलिस क्राइम ब्रांच को राज्य के बड़े शहरों और गांवों में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को तुरंत हिरासत में लेने को कहा।
पुलिस का ऑपरेशन शनिवार रात 12 बजे शुरू हुआ और सुबह 6 बजे तक चला। अहमदाबाद में 457 और सूरत में करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने हिरासत में लिए लोगों की परेड निकाली और सबको पैदल लेकर हेडक्वार्टर पहुंची।
दस्तावेजों की जांच की जाएगी
अहमदाबाद में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने संवाददाताओं से कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है और दस्तावेजी और अन्य सबूतों के आधार पर उनकी राष्ट्रीयता का पता लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जब पुलिस यह स्थापित कर लेगी कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं, तो केंद्र सरकार और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ समन्वय कर उनके निर्वासन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाएगी।’’ सहाय ने कहा कि शुक्रवार आधी रात के बाद तीन बजे के आसपास अहमदाबाद और सूरत में एक साथ अभियान चलाया गया। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma