भुवनेश्वर, 26 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना को लेकर देशभर में रोष है. इस घटना को लेकर ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने कहा कि इस घटना के पीछे कई कारण हो सकते हैं.
शनिवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान प्रसन्न आचार्य ने कहा कि पहलगाम घटना के पीछे कोई एक कारण नहीं है. आप जानते हैं कि कई दशकों से पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं. इसका मुख्य तौर पर पाकिस्तान ही जिम्मेदार है. दूसरा यह है कि पाकिस्तान ने दशकों से कश्मीर का एक हिस्से पर कब्जा कर लिया है, जबकि वह हिस्सा भारत का है.
तीसरा कारण यह है कि पाकिस्तान ने लगातार बॉर्डर पर समस्याएं खड़ी की हैं. पाकिस्तान के राजनेता हों या सेना, सभी ने पाकिस्तान के लोगों के बीच भारत के खिलाफ एक माहौल बना कर रखा है और वही वहां की मुख्य राजनीतिक मुद्दा बना रहा है. वहां के राजनेता अपनी सुविधा और राजनीति के लिए हमेशा पाकिस्तान के नागरिकों के बीच भारत के खिलाफ जहर बोते हैं. ऐसा हिंदुस्तान में नहीं होता है. लेकिन, एक चीज जो हमें यह समझनी चाहिए कि कहीं न कहीं पहलगाम घटना के पीछे सुरक्षा का अभाव भी रहा है.
बॉर्डर से आंतकवादी घुस जाते हैं और यहां आतंकवादी घटना को अंजाम देते हैं. केंद्र सरकार को इस दिशा में सतर्क होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पहलगाम में जितने भी पर्यटक थे, वे ज्यादातर हिंदू थे. देश के अनेक प्रांतों से लोग वहां गए हुए थे. आतंकवादियों ने अधिकतर हिंदुओं को ही निशाना बनाया. वहां वास्तव में क्या हुआ, इसकी पूरी जानकारी हमें नहीं है, लेकिन इतना जरूर कहेंगे कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
मुसलमानों के साथ नाइंसाफी का रिएक्शन है पहलगाम घटना, इस पर प्रसन्न आचार्य ने कहा कि हिन्दुस्तान में नाइंसाफी नहीं होती है. हिंदुस्तान में पैदा होने वाले लोग इस मिट्टी को अपनी मातृभूमि मानते हैं और वह हिन्दुस्तानी होते हैं. आतंकवादियों का कोई प्रिंसिपल नहीं होता है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सरकार और नागरिकों को सतर्क होना होगा.
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डीकेएम/
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