पहलवान आतंकवादी हमले के बाद, पूरे देश में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा के इंतजाम को मजबूत किया जा रहा है। इसी संदर्भ में, पाकिस्तान सीमा से लगे गांवों के निवासियों ने पुराने बंकरों की सफाई का कार्य आरंभ कर दिया है।
ट्रेवां गांव के एक निवासी ने बताया कि पहले इन बंकरों का उपयोग गोलीबारी के दौरान शरण के लिए किया जाता था। लेकिन पहलगाम की घटना के बाद, सुरक्षा तैयारियों को फिर से तेज किया गया है।
स्थानीय लोगों ने मीडिया चैनल से कहा कि सीमा पर लंबे समय से शांति थी, जिसके कारण बंकरों का उपयोग बंद हो गया था। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए, बंकरों की सफाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत बंकरों को जल्दी तैयार किया जा सकता है, लेकिन सामुदायिक बंकरों को दुरुस्त करने में समय और मेहनत लगती है।
ग्रामीणों ने पहलगाम हमले पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि भारत इसका प्रतिशोध नहीं लेता है, तो यह हमारे लिए शर्मनाक होगा। चूंकि हम सीमा के निकट रहते हैं, इसलिए किसी भी स्थिति का सबसे पहले असर हम पर पड़ेगा। इसलिए हम पूरी तैयारी के साथ रहना चाहते हैं।
स्थानीय लोगों ने कहा कि भारत सरकार को यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि सीमा पर बसे लोग सुरक्षित रहेंगे या नहीं। हम सरकार या सेना का मनोबल गिराने वाले किसी भी विचार के खिलाफ हैं। अब जो भी हो, उसे आर-पार की लड़ाई के रूप में लिया जाना चाहिए, क्योंकि आतंकियों ने निहत्थे नागरिकों पर हमला कर एक निंदनीय कार्य किया है।
वहीं, पहलगाम हमले के बाद, सेना भी पूरी तरह से सतर्क हो गई है। आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है। शोपियां में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शाहिद अहमद के घर को ध्वस्त कर दिया गया है। यह आतंकी 2023 से सक्रिय है और सुरक्षा बलों के निशाने पर है.