भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए हुए भूमि अधिग्रहण घोटाले में कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हरी झंडी मिलने के बाद नियुक्ति विभाग ने दोषियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इस मामले के सबसे अहम आरोपी निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश को जल्द ही रिकवरी नोटिस जारी करने की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही दोषी पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
लखनऊ के सरोजनी नगर में डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में अभिषेक प्रकाश समेत 16 अधिकारियों को प्रथम दृष्टया दोषी ठहराया गया है। अभिषेक प्रकाश को एक निवेशक से पांच प्रतिशत रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। डिफेंस कॉरिडोर मामले में हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद दो पीसीएस अधिकारी काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद की रिपोर्ट के आधार पर सभी 16 दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डिफेंस कॉरिडोर मामले में अभिषेक प्रकाश पर भी कार्रवाई होनी है।
नियुक्ति विभाग सभी आरोपी अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही भूमि अधिग्रहण में नियमों का उल्लंघन कर दिए गए मुआवजे की वसूली पर भी विचार कर रहा है। यह देखा जा रहा है कि सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी के अनुसार वसूली नोटिस जारी किया जाएगा। पीसीएस अधिकारियों के मामलों की भी जांच की जा रही है; जो लोग अभी भी सेवा में हैं उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी तथा अन्य उपायों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन रोकना भी शामिल है।
58 करोड़ का खेल
डिफेंस कॉरिडोर में करीब 58 करोड़ रुपये का मुआवजा देने में घोटाला चल रहा है। राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने अपनी 83 पेज की रिपोर्ट में हर उस बिंदु का जिक्र किया है कि किस तरह मुआवजा पाने के लिए खेल खेला गया।