जम्मू, 28 अप्रैल . जम्मू विश्वविद्यालय के संगीत एवं ललित कला संस्थान (आईएमएफए) ने विश्व नृत्य दिवस को बड़े उत्साह और कलात्मक जोश के साथ मनाया. इस कार्यक्रम में कई जानी-मानी हस्तियाँ शामिल हुईं, जिनमें उत्साह-द क्लब की अध्यक्ष प्रो. मीना शर्मा, जम्मू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. नीरज शर्मा, आईएमएफए के प्रिंसिपल प्रो. सोहैब मलिक और डॉ. नसीब सिंह मन्हास शामिल थे.
कार्यक्रम की शुरुआत पद्म विभूषण गुरु कुमुदिनी लाखिया को कथक के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए भावपूर्ण श्रद्धांजलि के साथ हुई, जिनका हाल ही में 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. समारोह की शुरुआत आईएमएफए के नृत्य विभाग की गौरवशाली पूर्व छात्रा सबा मजीद के छात्रों द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण तराना से हुई. छात्रों के जीवंत प्रदर्शन ने दिन के उत्सव की लय तय कर दी.
नृत्य विभाग की द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा प्रज्ञा, अक्षिता और राधिका ने डोगरी-कथक के अनोखे मिश्रण से दर्शकों का मन मोह लिया, जिसमें शास्त्रीय नृत्य के साथ क्षेत्रीय स्वाद का सुंदर मिश्रण था. इसके बाद, अंतिम वर्ष की छात्राओं ने बंदिश पर शानदार कथक प्रदर्शन के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसे उपस्थित सभी लोगों ने खूब सराहा. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सबा और रितिका द्वारा तराना प्रस्तुत करना था, जिसे पंडित बिरजू महाराज ने ही संगीतबद्ध किया और गाया था तथा नृत्य विभाग, आईएमएफए की प्रमुख डॉ. प्रिया दत्ता ने कोरियोग्राफ किया था. उनका प्रदर्शन कथक के दिग्गज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि थी.
सभी सम्मानित अतिथियों ने इस तरह के जीवंत और भावपूर्ण समारोह के आयोजन के लिए डॉ. प्रिया दत्ता और उनकी समर्पित टीम के प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने युवा प्रतिभाओं को निखारने और भारतीय शास्त्रीय कलाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता की सराहना की. इस अवसर पर बोलते हुए जम्मू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. नीरज शर्मा ने विभाग के प्रयासों की सराहना की और इस तरह के शानदार शो के आयोजन के लिए सभी संकाय सदस्यों को बधाई दी. प्रो. मीना शर्मा ने भी विभाग के प्रयासों की सराहना की, जबकि डॉ. नसीब सिंह मन्हास ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के आयोजन हमें अपनी विरासत और परंपराओं से गहराई से जोड़ते हैं, जिससे भविष्य में भी इसी तरह के प्रयोग किए जाने चाहिए.
/ राहुल शर्मा