प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का प्रभाव वाराणसी और अयोध्या जैसे आसपास के क्षेत्रों में भी स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। यहां हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे दान-दक्षिणा के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में अब तक करोड़ों रुपये का दान प्राप्त हो चुका है। हालिया जानकारी के अनुसार, पिछले 20 दिनों में लगभग 7 करोड़ रुपये दान पेटी में जमा हुए हैं, और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ के दौरान सभी टिकटों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। यह दान काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को दर्शाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कुंभ के बाद भी श्रद्धालुओं का आना जारी है। कॉरिडोर के निर्माण के बाद, यह श्रद्धालुओं की संख्या का सबसे बड़ा आंकड़ा है। पिछले डेढ़ महीने में, लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसके लिए मंदिर में सभी सुगम टिकटों को बंद कर दिया गया है। एसडीएम ने कहा कि पिछले 20 दिनों से श्रद्धालुओं को मिलने वाले सभी टिकट बंद कर दिए गए हैं। लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था इतनी मजबूत है कि वे दिल खोलकर दान दे रहे हैं, जिससे टिकट बंद होने के बावजूद कोई समस्या नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक महीने में श्रद्धालुओं ने 7 करोड़ रुपये का दान चढ़ाया है, और अभी भी गिनती जारी है। भीड़ के कारण गिनती में कठिनाई आ रही है।