आज के समय में बैंकिंग और Income Tax के नियम लगातार बदल रहे हैं। सरकार और इनकम टैक्स विभाग अब हर बड़े लेन-देन पर नजर रख रहे हैं, खासकर जब बात आती है बैंक में पैसे जमा-निकासी (Deposit & Withdrawal) या Fixed Deposit (FD) की। अगर आप भी बैंक में बड़ी रकम जमा या निकालते हैं या FD में भारी निवेश करते हैं, तो आपको Income Tax Notice आ सकता है। यह नियम 1 मई 2025 से और सख्त हो गए हैं।
इसका मुख्य मकसद काले धन (Black Money) पर रोक लगाना और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाना है। कई बार लोग सोचते हैं कि जब तक वे खुद इनकम टैक्स को नहीं बताएंगे, तब तक किसी को पता नहीं चलेगा, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बैंक और वित्तीय संस्थान हर हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन (High Value Transaction) की जानकारी सीधे इनकम टैक्स विभाग को देते हैं। ऐसे में अगर आपने लिमिट से ज्यादा पैसे जमा या निकाले या FD में बड़ा निवेश किया, तो आपको नोटिस मिल सकता है।
बैंक में पैसे जमा-निकासी और FD से जुड़े Income Tax के नियम जानना हर नागरिक के लिए जरूरी है। इससे आप बेवजह के टैक्स नोटिस और जुर्माने से बच सकते हैं। आइए जानते हैं इन नियमों का पूरा विवरण:
जान-पहचान | विवरण |
बैंक सेविंग अकाउंट में कैश जमा/निकासी लिमिट | 10 लाख रुपये (एक वित्तीय वर्ष में) |
FD में TDS कटौती सीमा (सामान्य नागरिक) | 50,000 रुपये (एक वित्तीय वर्ष में) |
FD में TDS कटौती सीमा (सीनियर सिटीजन) | 1,00,000 रुपये (एक वित्तीय वर्ष में) |
FD पर TDS दर (PAN हो तो) | 10% |
FD पर TDS दर (PAN न हो तो) | 20% |
बैंक में SFT रिपोर्टिंग लिमिट | 10 लाख रुपये से ज्यादा की कुल जमा |
कैश विदड्रॉल पर TDS (ITR नहीं भरा) | 20 लाख से ऊपर 2%, 1 करोड़ से ऊपर 5% |
कैश विदड्रॉल पर TDS (ITR भरा है) | 1 करोड़ से ऊपर 2% |
टैक्स सेवर FD में छूट (सेक्शन 80C) | 1.5 लाख रुपये तक |
अगर आप अपने सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में कुल मिलाकर 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा या निकासी करते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देता है। यह लिमिट सभी अकाउंट्स को मिलाकर है, यानी अगर आपके कई बैंक अकाउंट हैं और उनमें कुल मिलाकर 10 लाख से ज्यादा का लेन-देन हुआ, तो भी यह रिपोर्ट होगा।
सरकार का मकसद टैक्स चोरी और काले धन पर लगाम लगाना है। कई बार लोग अपनी असली कमाई छुपा लेते हैं और बैंक में अचानक बड़ी रकम जमा कर देते हैं। ऐसे मामलों पर नजर रखने के लिए यह लिमिट तय की गई है।
बैंक FD में निवेश करना सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसमें भी कुछ लिमिट और टैक्स नियम हैं। अगर आपने FD में बड़ी रकम जमा की या आपकी ब्याज आय लिमिट से ज्यादा है, तो आपको Income Tax Notice मिल सकता है।
2025 में कैश विदड्रॉल पर भी TDS के नियम लागू हैं। अगर आप बैंक या पोस्ट ऑफिस से एक वित्तीय वर्ष में लिमिट से ज्यादा कैश निकालते हैं, तो TDS कटेगा और इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी मिलेगी।
नीचे बताए गए 5 तरह के ट्रांजैक्शन पर आपको Income Tax Notice आ सकता है:
Q1: क्या 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा करने पर हर बार नोटिस आता है?
नहीं, नोटिस तभी आता है जब आपके ट्रांजैक्शन में गड़बड़ी या आय का सोर्स साफ नहीं है। अगर सब कुछ सही है, तो चिंता की जरूरत नहीं।
Q2: FD पर कितना टैक्स कटता है?
अगर आपकी ब्याज आय लिमिट से ज्यादा है, तो सामान्य नागरिक के लिए 10% (PAN हो तो), 20% (PAN न हो तो) TDS कटता है।
Q3: क्या सभी बैंक अकाउंट्स की लिमिट मिलाकर देखी जाती है?
हां, सभी सेविंग और करंट अकाउंट्स को मिलाकर 10 लाख रुपये की लिमिट है।
Q4: क्या डिजिटल ट्रांजैक्शन पर भी नोटिस आ सकता है?
अगर डिजिटल ट्रांजैक्शन भी लिमिट से ज्यादा है और सोर्स साफ नहीं है, तो नोटिस आ सकता है।
Q5: क्या टैक्स सेवर FD में निवेश पर भी नोटिस आ सकता है?
अगर कुल निवेश या ब्याज आय लिमिट से ज्यादा है, तो नोटिस आ सकता है।
अगर आप बैंक में बड़ी रकम जमा-निकासी या FD में निवेश करते हैं, तो Income Tax के नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। 1 मई 2025 से ये नियम और सख्त हो गए हैं। हमेशा अपनी आय का सोर्स साफ रखें, सभी दस्तावेज संभाल कर रखें और समय पर ITR फाइल करें। इससे आप बेवजह के टैक्स नोटिस और जुर्माने से बच सकते हैं।
अस्वीकरण:
यह जानकारी पूरी तरह से सरकारी गाइडलाइंस और इनकम टैक्स नियमों पर आधारित है। यह कोई नई स्कीम या ऑफर नहीं है, बल्कि बैंकिंग और टैक्स नियमों की जानकारी है। अगर आपको नोटिस आता है, तो घबराएं नहीं, सही जानकारी और दस्तावेज दें। नियमों का पालन करें और किसी भी अफवाह या झूठी स्कीम से बचें।