भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हर आतंकी हमले पर जवाब की मांग करते थे, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में पहलगाम हमले के बाद मोदी की ‘‘चुप्पी’’ उनके पिछले रुख का मजाक उड़ाती प्रतीत होती है।
भाकपा (माले) लिबरेशन की साप्ताहिक पत्रिका ‘एमएल अपडेट’ में प्रकाशित संपादकीय में दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पहलगाम आतंकी हमले पर 24 अप्रैल को होने वाली सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन उसी दिन बिहार में एक जनसभा को संबोधित किया।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर में होने वाले हर आतंकी हमले के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जवाब मांगते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी का एक पुराना वीडियो है जिसमें वह मनमोहन सिंह से यह बताने के लिए कह रहे हैं कि आतंकवादी सीमा पार कैसे कर सकते हैं और जब चाहें लोगों को मार सकते हैं, जबकि दिल्ली में मौजूद शक्तियों का देश की सीमाओं और धन, सूचना और संचार पर पूरा नियंत्रण है।’’
भाकपा (माले) के महासचिव ने कहा कि पहलगाम हमला घाटी में इस बड़े पैमाने पर पर्यटकों को निशाना बनाए जाने की पहली घटना है। उन्होंने कहा, ‘‘वही सवाल आज और भी अधिक प्रासंगिक हैं, फिर भी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की चुप्पी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा उठाए गए सवालों का मजाक उड़ाती प्रतीत होती है।’’