Ujjivan Small Finance Bank Q4 results: लगा जोर का झटका, मुनाफा 75% घटकर 83.4 करोड़ रुपये रहा
et May 01, 2025 09:42 AM
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Ujjivan Small Finance Bank) ने मार्च तिमाही में नेट प्रॉफिट में 75% की भारी गिरावट के साथ 83.4 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जबकि एक साल पहले यही आंकड़ा 330 करोड़ रुपये था। इस गिरावट की प्रमुख वजह बढ़ी हुई क्रेडिट कॉस्ट और घटती नेट इंटरेस्ट इनकम रही है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी घटाबैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी 31% घटकर 360 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 519 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल आय 4.4% बढ़कर 1,843 करोड़ रुपये हुई, लेकिन खर्चों में 19% की बढ़त के चलते मुनाफे पर दबाव बना। कुल खर्च 1,483 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें कर्मचारियों की लागत और डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज प्रमुख कारण रहे। माइक्रोफाइनेंस लोन सेगमेंट में तनावबैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 7% घटकर 864 करोड़ रुपये रही, जबकि ब्याज भुगतान में करीब 20% की बढ़ोतरी हुई है क्योंकि बैंक ने ऊंची दरों पर डिपॉजिट जुटाए हैं। बैंक ने तिमाही में 265 करोड़ रुपये का प्रोविजन किया, जो पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है (79 करोड़ रुपये)। इससे संकेत मिलता है कि माइक्रोफाइनेंस लोन सेगमेंट में तनाव बढ़ा है। FY25 के पूरे साल के लिए क्रेडिट कॉस्ट 2.5% रही, जबकि FY24 में यह केवल 0.8% थी। ग्रॉस एनपीए: 696 करोड़ रुपयेहालांकि ग्रॉस एनपीए अनुपात मामूली गिरकर 2.18% रहा, जो पिछले साल 2.23% था। ग्रॉस एनपीए की कुल राशि 696 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 613 करोड़ रुपये थी। बैंक का कहना है कि ये आंकड़े अभी भी ऊंचे हैं, लेकिन इंडस्ट्री औसत से कम हैं।उज्जीवन बैंक की मार्च तिमाही में रिकॉर्ड लोन डिलीवरी 7,440 करोड़ रुपये रही, जो तिमाही आधार पर 39% और सालाना आधार पर 11% की वृद्धि है। खास बात यह रही कि माइक्रोफाइनेंस लोन डिलीवरी में भी बैंक ने 38% तिमाही ग्रोथ दर्ज की, जबकि इंडस्ट्री में यह ट्रेंड विपरीत रहा।सिक्योर्ड लोन बुक 56% बढ़कर 13,988 करोड़ तक पहुंच गई, जो अब कुल पोर्टफोलियो का 44% है, जबकि पिछले साल यह 30% थी। पिछले वित्त वर्ष के अंत में बैंक की जमा राशि 20% साल-दर-साल बढ़कर 37,630 करोड़ रुपये हो गई, जिसमें कम लागत वाले चालू और बचत खातों की जमा राशि का अनुपात 25.5% था।बैंक के प्रबंध निदेशक संजीव नौटियाल के अनुसार, चूंकि 84% लोन फिक्स्ड रेट वाले हैं, इसलिए मौद्रिक नीति दरों में कटौती का ज्यादा असर बैंक की आय पर नहीं पड़ा है।(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)
© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.