आज के समय में अगर किसी बीमारी का पता लगाना हो, तो डॉक्टर कई बार CT स्कैन या अन्य रेडिएशन वाले टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं. ऐसा सुनने में आता है कि CT स्कैन कराने से कैंसर हो सकता है. इस बात में कितनी सच्चाई है आइए डॉ. अरुण कुमार गोयल ( चेयरमैन – सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल सोनीपत) से जानते हैं.
CT स्कैन में होता है रेडिएशन का इस्तेमाल-
डॉ. अरुण कुमार गोयल ने बताया कि CT स्कैन, एक्स-रे, मैमोग्राफी, फ्लोरोस्कोपी, PET CT जैसे टेस्ट में हाई एनर्जी रेडिएशन का इस्तेमाल होता है, जिसे आयोनाइजिंग रेडिएशन कहते हैं. यह रेडिएशन शरीर के सेल्स के DNA को नुकसान पहुंचा सकता है. अगर DNA में गड़बड़ी हो जाए, तो कुछ मामलों में यह कैंसर की वजह बन सकती है.
कितना रेडिएशन होता है इन टेस्ट में?
रेडिएशन की मात्रा मिलीसीवर्ट (millisievert) में नापी जाती है.
CT स्कैन में सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर बार स्कैन करवाने से कैंसर हो जाएगा. ये रिस्क बहुत छोटा होता है और तब ही मायने रखता है जब बार-बार स्कैन कराए जाएं.
कब हो सकता है कैंसर का खतरा?
डॉक्टर्स हमेशा ये सोचकर टेस्ट करवाने को कहते हैं कि उसका फायदा ज्यादा है या नुकसान. अगर CT स्कैन से बीमारी की सही जानकारी मिलती है, तो उसका फायदा किसी छोटे रिस्क से कहीं ज्यादा होता है. हमारे आसपास भी नेचुरल रेडिएशन होता है. जैसे कि जमीन में मौजूद रेडॉन गैस या कॉस्मिक किरणें. इसलिए पूरी तरह रेडिएशन से बचना संभव नहीं है, लेकिन जरूरत न होने पर टेस्ट न करवाना समझदारी है. CT स्कैन से कैंसर होने का खतरा बहुत कम होता है, लेकिन इसे जरूरत पड़ने पर ही करवाना चाहिए. खासकर बच्चों और बार-बार टेस्ट कराने वाले मरीजों को अलर्ट रहना चाहिए.