आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोगों के पास अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय नहीं है। अनियमित आहार के कारण रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी आ रही है। लेकिन अगर हम अपने शरीर के लिए थोड़ी सी मेहनत करें और नियमित दिनचर्या में सिर्फ पंद्रह मिनट का समय निकालें, तो कई बीमारियों से राहत पा सकते हैं। स्वस्थ रहने का मतलब है डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ना।
रोगियों को प्रतिदिन चार बड़े गिलास ज्वारे का रस दिया जाता है। जिन लोगों ने जीवन की आशा छोड़ दी है, उन्हें भी चमत्कारी लाभ देखने को मिला है। ज्वारे का रस न केवल रोगियों के लिए, बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद है।
गेहूँ के ज्वारे का रस, जिसे नवरात्रि जैसे त्योहारों पर घरों में उगाया जाता है, स्वास्थ्य के लिए एक अनमोल उपहार है। इसे 'हरा लहू' कहा जाता है और इसके कई असाध्य रोगों के उपचार में सफलता मिली है।
गेहूँ के ज्वारे उगाने के लिए मिट्टी के बर्तन लें और उनमें खाद मिली मिट्टी डालें। प्रतिदिन एक नया बर्तन भरें और उन्हें छाया में रखें। ज्वारे को सात इंच तक बढ़ने पर काटकर उपयोग करें।
ज्वारे को काटने के तुरंत बाद धोकर कूटें और रस निकालें। इसे तुरंत पीना चाहिए, क्योंकि इसके गुण समय के साथ घटते हैं।
ज्वारे का रस दूध और मांस से अधिक गुणकारी है और यह सस्ता भी है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है, यहां तक कि नवजात शिशुओं के लिए भी।