अमूल दूध हुआ महंगा! 15 साल में 126% उछाल, लेकिन पशुपालकों की जेब में कितना?
Anil Sharma May 04, 2025 01:35 PM

गुजरात का दूध ब्रांड अमूल फिर चर्चा में है! 1 मई 2025 से अमूल ने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की, जिसके बाद गुजरात की 20,000 निजी डेयरियों ने भी दाम बढ़ा दिए। अमूल गोल्ड अब 67 रुपये/लीटर, ताज़ा 55 रुपये/लीटर, और भैंस का दूध 73 रुपये/लीटर हो गया है। लेकिन सवाल ये है—15 साल में 126% की उछाल के बावजूद पशुपालकों को कितना फायदा? आइए, इसकी तह तक जाते हैं!
2009-10 में अमूल दूध 28-30 रुपये/लीटर था। 2025 में ये 56-68 रुपये/लीटर तक पहुँच गया, यानी 15 साल में 126.67% की बढ़ोतरी। हर साल औसतन 8.5% की वृद्धि हुई। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) का कहना है कि उत्पादन लागत (चारा, श्रम, परिवहन) बढ़ने से ये वृद्धि ज़रूरी थी। X पर @aajtak ने लिखा, “1 मई से अमूल दूध 2 रुपये महंगा, उपभोक्ता पर बोझ!”

अमूल रोज़ 30 लाख लीटर दूध इकट्ठा करता है और 150 लाख लीटर बेचता है, जिसमें गुजरात, दिल्ली-NCR, और मुंबई बड़े बाज़ार हैं। 2023-24 में दूध उत्पादन 60.44 लाख लीटर से बढ़कर 65.84 लाख लीटर हुआ, यानी 8.93% की वृद्धि। लेकिन पशुपालकों को मिलने वाली कीमत में सिर्फ़ 6-8% की बढ़ोतरी हुई। GCMMF दावा करता है कि उपभोक्ता के हर रुपये में 80 पैसे पशुपालकों को जाते हैं, पर कई पशुपालक शिकायत करते हैं कि चारे की 20% महँगाई उनकी कमाई खा रही है।

गुजरात में 36 लाख पशुपालक और 18,600 गाँव अमूल से जुड़े हैं। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, और राजकोट की डेयरियों ने भी कीमतें बढ़ाईं। दूध के बाद दही, श्रीखंड, और मक्खन के दाम भी बढ़ सकते हैं। X पर @garrywalia_
ने लिखा, “चुनाव बाद महँगाई का झटका!”

निष्कर्ष: अमूल की कीमतें बढ़ीं, लेकिन पशुपालकों को सीमित फायदा मिला। क्या ये वृद्धि महँगाई का नतीजा है, या पशुपालकों को और सपोर्ट चाहिए? अपनी राय बताएँ!

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.