भारत में Gen Z के 74 फीसदी यूजर मोबाइल पर गेम खेलने में बिताते हैं इतने घंटे, Free Fire-BGMI है टॉप चॉइस
Newsindialive Hindi May 05, 2025 02:42 AM

स्मार्टफोन पर गेम खेलना, रील्स देखना, फोटो क्लिक करना, चैटिंग करना और कॉल करना कई लोगों की दिनचर्या बन गई है। उनमें से कई लोग, विशेषकर युवा पीढ़ी जो मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, अपने स्मार्टफोन पर गेम खेलने में कई घंटे बर्बाद करते हैं। स्मार्टफोन पर गेम खेलना उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जेनरेशन जेड के बच्चे मोबाइल गेम खेलने में कई घंटे बर्बाद करते हैं।

 

आईबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 32 प्रतिशत से अधिक भारतीय मोबाइल उपयोगकर्ता, विशेषकर जेनरेशन जेड के बच्चे, अपने मोबाइल फोन पर गेम खेलने में 4 से 6 घंटे बर्बाद करते हैं। जेनरेशन Z के 74 प्रतिशत उपयोगकर्ता कम से कम 6 घंटे तक गेम खेलते हैं। सर्वेक्षण में, सीएमआर ने भारत के टियर 1, टियर 2 और टियर 3 शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गुवाहाटी, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, अहमदाबाद, इंदौर और ग्वालियर के 1,550 उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत की। इस समय उन्हें एहसास हुआ कि भारत में कई मोबाइल उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन पर गेम खेलने में अपना समय बर्बाद करते हैं। इसे सबसे बड़ी चिंता का विषय बताया जा रहा है।

बताया गया है कि भारत सरकार ऑनलाइन गेम, असली पैसे वाले गेम और ऑनलाइन खर्च पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। सर्वेक्षण में पाया गया कि 72 प्रतिशत स्मार्टफोन उपयोगकर्ता मनोरंजन के लिए गेम खेलते हैं। जबकि 52 प्रतिशत लोग मानसिक चपलता के लिए तथा 41 प्रतिशत लोग सामाजिकता के लिए गेम खेलते हैं।

 

26 प्रतिशत गेमर्स फ्री फायर खेलते हैं जबकि 26 प्रतिशत गेमर्स BGMI पसंद करते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, 19 प्रतिशत उपयोगकर्ता पहेलियाँ खेलते हैं और 19 प्रतिशत फर्स्ट-पर्सन शूटर (एफपीएस) खेलते हैं। इसके बाद एक्शन-एडवेंचर गेम आते हैं। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि भारत में 30 प्रतिशत से अधिक जेनरेशन जेड गेमर्स प्रीमियम टाइटल पसंद करते हैं और उच्च गुणवत्ता वाला गेमिंग अनुभव चाहते हैं। प्रतिस्पर्धी गेमिंग भी लोकप्रिय हो रही है, जिसमें जेनरेशन Z के 57 प्रतिशत लोग ई-स्पोर्ट्स में भाग ले रहे हैं।

साइबरमीडिया रिसर्च की वरिष्ठ विश्लेषक सुगंधा श्रीवास्तव ने कहा, “मोबाइल फोन पर लगातार गेम खेलने के कारण बच्चों में आए बदलाव को हम आसानी से देख सकते हैं।” ये परिवर्तन अनौपचारिक खेल से लेकर अधिक गहन, सामाजिक रूप से जुड़े और प्रतिस्पर्धी प्रारूपों तक फैले हुए हैं। जेनरेशन जेड इस सबमें अग्रणी है। प्रीमियम गेमप्ले, सामाजिक खोज और ईस्पोर्ट्स भागीदारी अब मोबाइल गेमिंग की अगली लहर को परिभाषित कर रहे हैं।

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