डायबिटीज के मरीजों के लिए कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स
Gyanhigyan May 05, 2025 03:42 AM
डायबिटीज और ग्लाइसेमिक इंडेक्स का महत्व

डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की इंसुलिन उत्पादन या उपयोग करने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। विशेषज्ञ शुगर के मरीजों को सलाह देते हैं कि वे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह दर्शाता है कि कोई भोजन रक्त में शुगर को कितनी तेजी से बढ़ाता है। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा को संतुलित रखने में मदद करते हैं और शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करते हैं। यदि डायबिटीज के मरीज इन्हें अपने आहार में नियमित रूप से शामिल करें, तो शुगर लेवल में सुधार संभव है।


कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स जो आपकी डाइट में शामिल करें:
  • ओट्स: ओट्स फाइबर से भरपूर होते हैं और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 तक होता है। यह रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर में वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकता है। ओट्स जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन रक्त शर्करा को स्थिर रखने में मदद कर सकता है।

  • बाजरा और जौ: मधुमेह से पीड़ित लोग बाजरा और जौ का सेवन कर सकते हैं, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 45-52 के बीच होता है। बाजरा फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है और इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। गेहूं की जगह इनका उपयोग करने से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

  • सेब, नाशपाती और अमरूद: इन फलों में प्राकृतिक शुगर होती है, लेकिन फाइबर की अधिकता के कारण इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 30-40 के बीच रहता है। अध्ययन बताते हैं कि नाशपाती और सेब जैसे फल खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम होता है।

  • हरी सब्जियां: जैसे पालक, मेथी, टमाटर, और भिंडी, ये कैलोरी और कार्ब्स में कम होती हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। ये सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं, जो ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करके रक्त शर्करा को स्थिर करने में मदद कर सकती हैं।


डायबिटीज के मरीजों के लिए सुझाव

इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को फाइबर युक्त भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए और प्रोसेस्ड तथा मैदा युक्त चीजों से बचना चाहिए। खाने के साथ प्रोटीन और हेल्दी फैट्स का सेवन करें, जिससे ग्लाइसेमिक इंडेक्स और भी कम हो सके। छोटे-छोटे भागों में दिन में 4-5 बार भोजन करना फायदेमंद हो सकता है।


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