
अगर आप सेकंड हैंड बाइक खरीदना चाहते हैं, लेकिन एक साथ पूरा पैसा देना मुश्किल लग रहा है, तो चिंता की कोई बात नहीं है. आप बाइक को EMI पर भी ले सकते हैं. थोड़ा पैसा शुरू में दीजिए (यानि डाउन पेमेंट), और बाकी रकम हर महीने किस्तों में आराम से चुकाइए. लेकिन लोन लेने से पहले कुछ जरूरी बातें जान लेना बहुत जरूरी है, ताकि बाद में कोई परेशानी ना हो. चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि ध्यान किन-किन बातों पर देना चाहिए. सबसे पहले - आप लोन के लिए एलिजिबल हैं या नहीं?'सेकंड हैंड व्हीकल लोन' या 'यूज़्ड टू-व्हीलर लोन' के लिए हर बैंक कुछ शर्तें रखता है. अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो आपकी उम्र 21 से 60 साल होनी चाहिए और आपकी सैलरी कम से कम ₹10,000 प्रति महीना होनी चाहिए. अगर खुद का बिजनेस है, तो आपकी उम्र 21 से 65 साल के बीच होनी चाहिए और कम से कम 3 साल से आपका बिजनेस चल रहा हो. इसके साथ ही नौकरी या बिजनेस की स्टेबिलिटी भी जरूरी है - यानी आपकी इनकम में भरोसा होना चाहिए. लोन डॉक्यूमेंट के बारे में जानकारी लेंलोन के लिए कुछ बेसिक डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है - जैसे आपकी पहचान, एड्रेस प्रूफ और इनकम प्रूफ. कई बैंक घर पर आकर ही डॉक्युमेंट कलेक्ट कर लेते है और बिना लाइन में लगे लोन अप्रूव हो जाता है.इसलिए लोन अप्लाई करने से पहले यह चेक कर लें कि कौन से बैंक से लोन लेने की प्रोसेस आसान है. लोन पेमेंट की फ्लेक्सिबिलिटीलोन पेमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी का मतलब है कि लोन चुकाने के लिए आपको किस तरह की सुविधाएं और ऑप्शन मिलते हैं. सेकंड हैंड बाइक लोन के मामले में यह फ्लेक्सिबिलिटी सीमित हो सकती है, लेकिन कुछ बैंक और फाइनेंस कंपनियां अच्छी सुविधा देती हैं. कई बैंक 12 से 36 महीने तक का EMI ऑप्शन देते हैं और महंगी बाइक के लिए 60 महीने तक का ऑप्शन देते हैं. जितनी लंबी अवधि, उतनी छोटी EMI – लेकिन ध्यान रहे कि इससे कुल ब्याज थोड़ा बढ़ जाता है. डाउन पेमेंट – एक बार में कितना देना है?जब आप लोन लेते हैं, तो एक छोटी रकम पहले खुद से देनी होती है, इसे डाउन पेमेंट कहते हैं. ये तय करता है कि आपको कितनी EMI देनी होगी. बजट के हिसाब से डाउन पेमेंट तय करें, ताकि आपकी जेब पर बहुत बोझ न पड़े. एडिशनल चार्ज यानी छुपे हुए चार्जेस? पहले ही जान लीजिएसेकंड हैंड बाइक लोन लेते समय एडिशनल चार्जेस (छुपे हुए चार्जेस) को पहले से जान लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि यही छोटी रकमें मिलकर लोन को महंगा बना सकती हैं. लोन के साथ प्रोसेसिंग फीस, लेट फीस, एडमिन फीस या प्रीपेमेंट चार्ज भी लिया जाता है. हर बैंक के लोन में इसके लिए नियम अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए लोन की प्रोसेस करने से पहले इसके बारे में अच्छे से जरूर जान लें.
टू-व्हीलर लोन के लिए आवेदन करते समय लोन लेने से पहले लोन एलिजिबिलिटी चेक करें, सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट इकट्ठा करें और अवेलेबल फ्लेक्सिबल ऑप्शन देखें. डाउन पेमेंट, ब्याज दर और अन्य फीस की तुलना करके एक समझदारी भरा निर्णय लें. अधिकांश बैंक और फाइनेंसर प्रतिस्पर्धी ब्याज दर और आसान एप्लीकेशन प्रोसेस प्रोवाइड करते हैं. आप ऑनलाइन एप्लीकेशन करके प्रोसेस को तेज और आसान बना सकते हैं.