हवेलियों की नगरी बीकानेर में 200 करोड़ के हवाला रैकेट का भंडाफोड़, नए डिजिटल तरीकों से हो रहा था काले धन का खेल
Samachar Nama Hindi May 05, 2025 11:42 PM

हवेलियों का शहर बीकानेर हवाला कारोबार की गिरफ्त में है। चौंकाने वाली बात यह है कि हवाला कारोबारियों ने नया तरीका अपनाया है। वे किराए के खातों के जरिए हवाला कारोबार संचालित कर रहे हैं। इसका खुलासा एक महिला के बैंक खाते से हुआ, जिसमें दो माह में 200 करोड़ से अधिक का लेनदेन सामने आया। इसके बाद वित्तीय खुफिया इकाई ने तीन खातों की जांच शुरू कर दी है। एक खाते में 2 करोड़ व एक लाख का लेनदेन भी जांच के दायरे में है। इधर, 2 अप्रैल को बीछवाल में एक व्यापारी के कर्मचारियों से 1 करोड़ 3 हजार की लूट के बाद की गई जांच ने पुलिस के होश उड़ा दिए। व्यापारी के बैंक डिटेल खंगाले तो 141 करोड़ का लेनदेन सामने आया।

ग्रामीण युवा बने हवाला के मोहरे
जांच में सामने आया कि लूणकरणसर व श्रीडूंगरगढ़ के ग्रामीण युवा हवाला नेटवर्क में कैश डिलीवरी एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। ये युवा दिल्ली-बीकानेर के बीच कैश ट्रांसफर करते हैं और जांच की आशंका पर गांव लौट आते हैं। हवाला कारोबारी अपने कैश हैंडलर बदलते रहते हैं।

इसके अलावा जयपुर, जोधपुर, बीकानेर भी गढ़ बने
हवाला के जरिए ट्रांसफर होने वाले पैसे का इस्तेमाल ड्रग तस्करी, अवैध हथियार, क्रिकेट सट्टा, चुनाव खर्च और बेनामी जमीन सौदों में हो रहा है। डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए जोखिम और लागत कम की जा रही है। बीकानेर के साथ जयपुर, जोधपुर, सांचौर और सीकर में हवाला कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। बैंक खाते किराए पर लेकर ट्रांजेक्शन के मामले सामने आने पर संबंधित एजेंसी को सूचित किया जाएगा। पुलिस जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करेगी।

हवाला और किराए के खातों का तरीका
हवाला में एजेंट को नकद और नोट नंबर दिए जाते हैं। नंबर मिलाने पर रिसीवर पैसे ले लेता है। हवाला के जरिए मिलने वाले पैसे को असली दिखाने के लिए इन खातों में छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन किए जाते हैं, ताकि बड़ी रकम पकड़ में न आए। यह प्रक्रिया मनी लॉन्ड्रिंग के प्लेसमेंट और लेयरिंग चरण जैसी ही है। खातों में पैसा आते ही उसे दूसरे खातों में भेज दिया जाता है।

हवाला और किराए के खातों का तरीका
हवाला में स्थानीय एजेंट को नकद और नोट नंबर दिए जाते हैं। नंबर मिलाने पर रिसीवर पैसे ले लेता है। रिसीवर उसी नंबर से मिलान करके पैसे ले लेता है। प्रति लाख 300-400 रुपए फीस ली जाती है। हवाला से आने वाले पैसे को असली दिखाने के लिए इन खातों में छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन किए जाते हैं ताकि बड़ी रकम नजर में न आए। यह प्रक्रिया मनी लॉन्ड्रिंग के प्लेसमेंट और लेयरिंग स्टेज जैसी ही है। जैसे ही इन खातों में पैसा आता है, उसे कुछ ही समय में दूसरे खातों में भेज दिया जाता है। यह पूरा नेटवर्क बहुत तेजी से काम करता है, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल होती है। खुफिया इनपुट और बैंकिंग सॉफ्टवेयर की मदद से संदिग्ध ट्रांजेक्शन को ट्रैक किया जा रहा है।

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