यदि आप एक छोटे व्यवसाय के मालिक हैं, तो आपके लिए एक सकारात्मक समाचार है। अब छोटे व्यापारी सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत, यदि पंजीकृत व्यवसायी की मृत्यु होती है, तो उसके परिवार को 5 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। इस 'मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना' का लाभ उठाने के लिए व्यापारी की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
दुर्घटना के बाद स्थायी विकलांगता की स्थिति में, सीएमओ द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र आवश्यक होगा। यदि व्यापारी के साथ कोई दुर्घटना होती है, तो पीड़ित परिवार के सदस्य को बीमा राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों की एक प्रति उद्योग उपायुक्त को जमा करनी होगी। इसके बाद, बीमा राशि एक महीने के भीतर निदेशालय स्तर से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
इस योजना का लाभ केवल उन व्यापारियों को मिलेगा जो जीएसटी विभाग द्वारा संचालित व्यापार दुर्घटना बीमा योजना के तहत पात्र नहीं हैं। एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में लगभग 96 लाख एमएसएमई कार्यरत हैं, जिनमें से केवल 15.50 लाख इकाइयां उद्योगम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। राज्य में 30 लाख से अधिक छोटे व्यापारी हैं जिनका वार्षिक टर्नओवर 40 लाख रुपये से कम है। पोर्टल पर पंजीकरण कराकर उन्हें बीमा का लाभ दिया जाएगा।
इसके अलावा, बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी आवासीय कॉलोनियों का विकास किया जा सकेगा। इसके लागू होने से 2 लाख से कम आबादी वाले शहरों में भी टाउनशिप का निर्माण संभव होगा। नीति में छोटे शहरों के लिए न्यूनतम क्षेत्र सीमा 12.5 एकड़ और बड़े शहरों के लिए 25 एकड़ निर्धारित की गई है।
बड़े शहरों में अधिकतम 500 एकड़ क्षेत्रफल की सीमा को भी समाप्त कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से छोटे शहरों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और रियल एस्टेट क्षेत्र में छोटे निवेशकों के लिए भी नए रास्ते खुलेंगे.