Jyotish :-ब्रह्म पुराण में कहा जाता है कि जीवन लोगों, ज्ञान, स्वर्ग, उद्धार और सुखों का धन है। राजा के पिता श्रद्धा और राजा की तपस्या करने की कोशिश करते हैं। अर्थात्, जो पिट्रस, जो श्रद्धा से प्रसन्न हैं, बेटों, धन, ज्ञान, जीवन, स्वास्थ्य, सांसारिक खुशी, उद्धार और स्वर्ग देते हैं। पिट्राइड्वा श्रद्धा में कुछ चीजों को नहीं देखने में सक्षम हो सकता है।
दोस्तों अगर पितृ देव नाराज हो जाते हैं तो हमारे जीवन में पितृ दोष लग जाता हैं और पितृ दोष बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता हैं जिससे हमें जीवन में कुछ दुखो का सामना करना पढ़ सकता हैं इसलिए दोस्तों पितृ दोष में हर एक छोटी का बात ध्यान रखना जरुरी हैं तो दोस्तों आज हम आपको बताएँगे की आपको किन किन बातो का ध्यान रखना आवश्यक हैं
दोस्तों दोपहर में ही श्राद्ध करें। श्राद्ध में तीन चीजें बहुत ही पवित्र मानी जाती हैं – दुहिता पुत्र, कुपतकाल (दिन का आठवाँ भाग) और काला तिल। यह तीन चीजों का श्राद्ध में होना बहुत ही महत्पूर्ण बताया गया हैं।
श्राद्ध में तीन बाते याद रखे
पहले अपने आप को शुद्ध करे और आपको क्रोध बिलकुल भी नहीं करना चाहिए और न ही आपको श्राद्ध करने में जल्दी करनी चाहिए पद्मपुराण के अनुसार श्राद्ध का ढोंग नहीं करना चाहिए इसे बिलकुल गुप्त रूप से करे अगर आप धनवान हैं तो भी इसका विस्तार नहीं करना चाहिए।
भोजन के माध्यम से मित्रता, सामाजिक या व्यावसायिक संबंध स्थापित न करें। यह अच्छे परिणाम नहीं देता है।
इस दौरान मांगलिक कार्य, शुभ कार्य, शादी-विवाह की बात करना वर्जित है। श्राद्ध पक्ष पूरा होने के बाद ही इनसे संबंधित कार्य शुभ फल देते हैं। उन्हें श्राद्ध में नहीं किया जाना चाहिए।