बिहार में नेतरहाट और सैनिक स्कूल की तरह पुलिस स्कूल की स्थापना की जाएगी। झारखंड के अलग होने के बाद यह बिहार का पहला आवासीय पुलिस स्कूल होगा। इसके लिए पटना के नौबतपुर के पास करीब दो एकड़ जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। इस स्कूल से बिहार पुलिस कोष से वेतन पाने वाले सभी संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा शहीद एवं सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों के बच्चों को लाभ मिलेगा। इसके लिए 50 प्रतिशत सीटें पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगी। शेष 50 प्रतिशत सीटें आम जनता के बच्चों के लिए होंगी।
पुलिस मुख्यालय में प्रारंभिक चर्चा के बाद इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे अगले साल जून तक सैद्धांतिक मंजूरी के लिए गृह विभाग को भेजा जाएगा।
पुलिस मुख्यालय ने बिहार पुलिस स्कूल की स्थापना से संबंधित प्रारंभिक प्रस्ताव पर सभी पुलिस महानिदेशकों (डीजी), अपर पुलिस महानिदेशकों (एडीजी), क्षेत्रीय आईजी-डीआईजी आदि से सुझाव मांगे थे।
इसमें कहा गया है कि श्री कृष्ण रक्षा बाल विद्यालय अविभाजित बिहार के हजारीबाग में चलाया जा रहा था, जो वर्ष 2000 में विभाजन के बाद झारखंड का हिस्सा बन गया।
हाल के दिनों में बिहार पुलिस में बड़ी संख्या में महिलाओं की नियुक्ति हुई है। ऐसे में उनके बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बिहार पुलिस स्कूल की स्थापना भी जरूरी है।
पुलिस मुख्यालय की ओर से इस प्रस्ताव पर वरिष्ठ अधिकारियों ने सकारात्मक सुझाव दिए हैं, जिसके बाद अंतिम मसौदा तैयार किया जा रहा है। पूर्व डीजी अरविंद पांडे ने भी इस पहल को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा है।
उन्होंने पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए स्कूल बनाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए डीजीपी विनय कुमार को धन्यवाद दिया।