भारत सरकार ने हाल ही में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स दर को 12.5% तक बढ़ा दिया है। इस लेख में हम समझेंगे कि LTCG क्या होता है, नया टैक्स रेट क्या है, इससे आपकी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने पर क्या असर पड़ेगा और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
LTCG टैक्स में यह बढ़ोतरी खासतौर पर उन लोगों को प्रभावित करती है जो शेयर, म्यूचुअल फंड्स या अन्य निवेशों से लंबे समय के बाद मुनाफा कमाते हैं। साथ ही, सरकार ने LTCG की छूट सीमा को भी बढ़ाकर 1 लाख से 1.25 लाख रुपये कर दिया है। इसका मतलब है कि अब 1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर टैक्स नहीं लगेगा।
इस लेख में हम LTCG टैक्स के नए नियमों, ITR फॉर्म में हुए बदलावों, और कैसे आप अपने टैक्स प्लानिंग को बेहतर बना सकते हैं इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
LTCG का अर्थ | लंबे समय तक रखे गए निवेश पर होने वाला मुनाफा |
लंबे समय की अवधि | शेयर/इक्विटी के लिए 12 महीने से अधिक, प्रॉपर्टी के लिए 24 महीने से अधिक |
नया टैक्स रेट | 12.5% (23 जुलाई 2024 से लागू) |
छूट सीमा | 1.25 लाख रुपये तक LTCG टैक्स फ्री |
पहले का टैक्स रेट | 10% (LTCG पर) |
टैक्स के लिए जरूरी शर्त | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) का भुगतान होना जरूरी |
कौन प्रभावित होगा? | शेयर, म्यूचुअल फंड, बिजनेस ट्रस्ट यूनिट्स बेचने वाले निवेशक |
ITR फॉर्म में बदलाव | LTCG 1.25 लाख तक होने पर ITR-1 फॉर्म में रिपोर्टिंग संभव |
1। टैक्स दर में वृद्धि
2। छूट सीमा बढ़ी
3। ITR फॉर्म में बदलाव
4। शेयर बायबैक पर कैपिटल लॉस रिपोर्टिंग
5। अन्य टैक्स नियम
पहलू | नया नियम (FY 2024-25 onwards) | पहले का नियम |
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LTCG टैक्स दर | 12.5% | 10% |
LTCG छूट सीमा | 1.25 मिलियन | 1 मिलियन |
ITR फॉर्म | LTCG ₹1.25 लाख तक ITR-1 में फाइलिंग संभव | LTCG होने पर ITR-2 या ITR-3 जरूरी |
शेयर बायबैक पर कैपिटल लॉस रिपोर्टिंग | हां, ITR-5 में संभव | नहीं |
टैक्स की शुरुआत | 23 जुलाई 2024 से | पहले से लागू |
इंडेक्सेशन लाभ | नहीं (कुछ मामलों में) | कुछ मामलों में उपलब्ध |
फायदे
हानि
LTCG टैक्स दर में वृद्धि और छूट सीमा में बदलाव से निवेशकों को नए नियमों को समझना जरूरी हो गया है। 12.5% की नई टैक्स दर से बड़े मुनाफे पर अधिक टैक्स देना होगा, लेकिन 1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर टैक्स नहीं लगेगा, जो छोटे निवेशकों के लिए राहत है। साथ ही, ITR फॉर्म में बदलाव से टैक्स रिटर्न फाइलिंग आसान हुई है।
इसलिए, निवेशकों को चाहिए कि वे अपने निवेश और टैक्स प्लानिंग को नए नियमों के अनुसार अपडेट करें और समय पर सही फॉर्म भरकर टैक्स भरें।
अस्वीकरण: यह जानकारी वर्तमान वित्तीय वर्ष और बजट 2025 के आधार पर तैयार की गई है। LTCG टैक्स दर में वृद्धि और नई इनकम टैक्स नियम सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से लागू किए गए हैं। हालांकि, टैक्स नियमों में भविष्य में बदलाव संभव है, इसलिए टैक्स फाइलिंग से पहले नवीनतम सरकारी अधिसूचनाएं और सलाहकार से सलाह लेना उचित रहेगा।