OMG! 2 बीवियों के बीच पति का बंटवारा, 3 दिन पहली और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने का आदेश; संडे को चलेगी मर्जी ) “ > ˛
Himachali Khabar Hindi May 08, 2025 05:42 AM

ग्वालियर। अभी तक आपने परिवारों में जमीन-जायदाद और रुपयोंं-गहनों के बंटवारे के बारे में सुना होगा, लेकिन ग्वालियर में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। कुटुंब न्यायालय (Family Court) में एक पति का उसकी दो पत्नियों के बीच बंटवारा हुआ है। समझौता यह हुआ है कि पति सप्ताह में 3 दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा। हालांकि, संडे को पति की मर्जी चलेगी कि वह दोनों पत्नियों में से किसके साथ रहना चाहता है।

यह पूरा मामला दरअसल, पति हरियाणा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर है और उसकी पहली शादी 2018 में हुई थी और शादी के बाद दो साल तक वह साथ रहे। साल 2020 में जब कोरोना काल के समय लॉकडाउन लगा तो पति अपनी पत्नी को उसके मायके ग्वालियर में छोड़कर फिर दोबारा हरियाणा लौट गया। लॉकडाउन हटने के बाद भी वह अपनी पत्नी को लेने नहीं आया। इसी बीच पति के संबंध कंपनी में ही काम करने वाली एक अन्य महिला के साथ बन गए और उसके बाद पति ने महिला के साथ दूसरी शादी कर ली।

ग्वालियर में अपने मायके में पति का इंतजार कर रही पहली पत्नी के सब्र का बांध जब टूटा तो खुद ही पति की कंपनी में पहुंच गई, जहां उसे पता चला कि उसके पति ने कंपनी में ही काम करने वाली किसी महिला के साथ दूसरी शादी कर ली है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । उसके बाद दोनों में विवाद होने लगा और विवाद के बाद पत्नी ने इसकी शिकायत ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में कर दी। पत्नी का आरोप था कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है, इसलिए भरण-पोषण के लिए उसे न्याय चाहिए। उसके बाद यह मामला कुटुंब न्यायालय में काउंसलर हरीश दीवान के पास पहुंचा तो केस की काउंसलिंग की गई।

6 महीने तक चला केस काउंसलर हरीश दीवान बताया कि महिला के पति से उसने बातचीत की और उसके बाद लगातार यह मामला लगभग 6 महीने तक ऐसे ही चलता रहा। उसके बाद दोनों पत्नियों और उनके पति को काउंसलिंग के लिए कुटुंब न्यायालय में बुलाया गया और तीनों को बैठाकर बातचीत की गई तो उसका समाधान निकल आया। काउंसलिंग के द्वारा यह तय हुआ कि पति सप्ताह में 3 दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा, लेकिन संडे के दिन पति पूरी तरह फ्री रहेगा। उस दिन वह अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी पत्नी के साथ रह सकता है। काउंसलर हरीश दीवान ने बताया है कि इस निर्णय के बाद दोनों पत्नियों और पति संतुष्ट हैं। साथ ही इस समझौते के साथ पति ने दोनों पत्नियों को एक-एक फ्लैट भी दिया है और दोनों का भरण पोषण वह खुद करेगा।

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