जयपुर, 7 मई . राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार व तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2023 में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से मंत्रालयिक कर्मचारियों को दिए गए आरक्षण की प्रक्रिया व 17 दिसंबर 2024 के परिणाम को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने इस प्रक्रिया व आरक्षण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश मोहित सोनी व अन्य की याचिकाओं पर दिया. अदालत ने माना कि मंत्रालयिक कर्मचारियों को भर्ती में दोहरा आरक्षण नहीं दिया है, बल्कि यह संवैधानिक तौर पर मान्यता प्राप्त वर्टिकल श्रेणी के भीतर ही हॉरिजेंटल आरक्षण के एकीकरण को दर्शाता है. इस आदेश के बाद भर्ती में मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.
याचिकाओं में कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारी वर्ग में जिनका चयन हुआ है, उनके सीईटी परीक्षा में याचिकाकर्ताओं से कम अंक हैं. उन्हें दोहरे आरक्षण का लाभ दिया है. ऐसे में कर्मचारी चयन बोर्ड ने आरक्षण की प्रक्रिया सही नहीं की है और इसके चलते ही याचिकाकर्ता भर्ती में चयन होने से वंचित रहे हैं. इसके जवाब में कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से अधिवक्ता संदीप माहेश्वरी ने कहा कि सीईटी नियम, 2022 के नियम 6 के तहत मंत्रालयिक कर्मचारी श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मानकों में छूट का प्रावधान है. बोर्ड ने डीओपी के 24 जून 2008 के परिपत्र की पालना की है और दोहरे आरक्षण का लाभ नहीं दिया है. याचिकाकर्ताओं के मुख्य परीक्षा में इन चयनित अभ्यर्थियों से कम अंक हैं और ऐसे में इनको बुलाया जाना कानूनी तौर पर गलत नहीं है. अदालत ने बोर्ड की दलीलों से सहमत होकर याचिकाओं को खाजिर कर दिया है.
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