3 माह की मासूम को 51 बार गर्म रोड से दागा, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान! “ ˛
Himachali Khabar Hindi May 08, 2025 06:42 AM

शहडोल; मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में अंधविश्वास से जुड़ा एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां अंधविश्वास के चक्कर में इलाज के नाम पर 3 माह की बच्ची को गर्म सलाखों से 51 बार गर्म सलाख से दागा गया. बच्ची की हालात नाजुक बनी हुई है. उसे उपचार के लिए शहडोल मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती किया गया है.

अंधविश्वास के चक्कर में बच्ची पर जुल्म मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आदिवासी समुदाय बड़ी संख्या में निवास करता है. इस समुदाय में आज भी बहुत-सी कुरीतियां और अंधविश्वास प्रचलित है. शहडोल में अंधविश्वास के चलते इलाज के नाम पर मासूम बच्चों को लोहे की गर्म सलाखों से दागने के कई मामले सामने आ चुके हैं. ऐसी ही एक घटना फिर सामने आई है. इस बार निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ होने पर 3 माह की बीमार दुधमुंही बच्ची को अंधविश्वास के फेर में परिजनों ने 51 बार गर्म सलाखों से पेट मे दागा. दागने से बच्ची की हालत में तो कोई सुधार नहीं आया लेकिन उसकी तबियत और ज्यादा खराब हो गई. तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उसे मेडिकल अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया गया.

दागकर कर रहे थे निमोनिया का इलाज शहडोल शहर की पुरानी बस्ती में 3 माह की दुधमुंही बच्ची रुचिता कोल की तबियत अक्सर खराब रहती है. जन्म के बाद से ही उसे निमोनिया ने घेर रखा था. निमोनिया और धड़कन तेज चलने की समस्या हुई तो परिजनों ने इलाज के नाम पर बालिका को गर्म सलाखों से 51 बार दगवा दिया. हालांकि इससे भी बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. बल्कि गर्म सलाखों से दागने के कारण उसकी तबीयत और खराब हो गई. अंधविश्वास के कुचक्र में जकड़े परिवार के लोग बाद में बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल लेकर गए. शहडोल मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में मासूम बच्ची का इलाज हो रहा है. उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.

आदिवासी इलाकों में प्रचलित है ‘दगना प्रथा’ वहीं इस तरह की कुरीति और अंधविश्वास पर शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने भी चिंता जताई है. उनका कहना है कि दागने के खिलाफ अभियान चलाकर लोगों को समझाइश दी जाएगी. उनकी काउंसलिंग भी कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों में अभी भी दगना प्रथा प्रचलित है. बच्चों को बीमार होने पर अस्पताल ले जाने की बजाय स्थानीय ओझा या गुनिया की मदद से तंत्र मंत्र से इलाज करते है. बीमार छोटे बच्चों को अमानवीय तरीके से गर्म सलाखों से दागा जाता है. हालांकि प्रशासन बड़े पैमाने पर दगना कुप्रथा के खिलाफ जन-जागरण अभियान चला रहा है, पर इसका असर होता दिखाई नही दे रहा है.

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.