गुरुवार को पाकिस्तान ने भारत के कई प्रमुख शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनका उद्देश्य भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाना था। लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने तत्परता से इन हमलों को विफल कर दिया। यह एकतरफा नहीं रहा, भारत ने भी पाकिस्तान को उसी स्तर की ताकत से जवाब दिया।
भारत की जवाबी कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण कदम था पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित एक AWACS (Airborne Warning and Control System) विमान को मार गिराना। ये विमान हवाई निगरानी और सूचना संग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे दुश्मन के सैन्य अभियानों और मिसाइल लॉन्च की गतिविधियों का पहले से पता लगाया जा सकता है।
AWACS विमान को हवाई राडार स्टेशन भी कहा जाता है। इसके ऊपरी हिस्से में एक बड़ा रडार डिश होता है, जो चारों दिशाओं में निगरानी करता है। यह जमीन पर स्थित रडार की तुलना में अधिक शक्तिशाली और प्रभावी होता है, क्योंकि इसकी सीमा पृथ्वी की वक्रता से बाधित नहीं होती। ये विमान आसमान में आंखों की तरह होते हैं और दुश्मन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।
पाकिस्तान के पास कुल नौ AWACS विमान हैं। 2006 में उसने स्वीडन से चार साब-2000 एरीये खरीदे और 2008 में चीन से चार ZDK-03 AWACS भी शामिल किए। हालांकि, चीनी सिस्टम को 2024 में हटा दिया जाएगा। इसके बाद 2017 और 2020 में तीन और एरीये सिस्टम जोड़े गए। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत द्वारा गिराया गया विमान संभवतः साब-2000 एरीये था।
AWACS-2000 एरीये एक उच्च क्षमताओं वाला हवाई रडार प्लेटफॉर्म है। इसका निगरानी दायरा क्षैतिज रूप से 500,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक और ऊर्ध्वाधर रूप में 60,000 फीट से अधिक है। यह समुद्र, ज़मीन और हवा में कई लक्ष्यों की निगरानी कर सकता है, जैसे कि क्रूज मिसाइल, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और छोटे लक्ष्य भी। इसकी उड़ान सीमा 3,705 किमी है और यह 9 घंटे तक लगातार संचालन कर सकता है।
भारतीय वायुसेना (IAF) वर्तमान में पांच AWACS सिस्टम संचालित करती है, जिनमें तीन इज़रायली फाल्कन सिस्टम शामिल हैं, जो IL-76 भारी जेट पर आधारित हैं, और दो नेत्रा Mk-1 सिस्टम जो ब्राज़ीलियाई एम्ब्रेयर विमानों पर आधारित हैं। ये सभी सिस्टम भारतीय वायुसेना को रणनीतिक बढ़त प्रदान करते हैं।