ये हमले पाकिस्तान ऐसे ड्रोन्स से कर रहा है, जिन्हें आत्मघाती कहा जाता है. यानी ये ड्रोन विस्फोटक से लैस होते हैं और सीधे अपने टारगेट पर जाकर टकरा जाते हैं. इन्हें कामिकाजी ड्रोन भी कहा जाता है. ये शब्द दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ा हुआ है और यही जापान पर परमाणु हमले की सबसे बड़ी वजह भी था.
क्या होता है कामिकाजी?
कामिकाजी का मतलब आत्मघाती होता है, इस शब्द का इस्तेमाल उन जापानी पायलट्स के लिए किया जाता था, जिन्होंने अमेरिका की नाक में दम कर दिया. ये पायलट मौत का कफन बांधकर चलते थे और दुश्मन का जहाज या फिर सेना के जवानों को देखते ही सीधे उन पर क्रैश हो जाते थे. इनसे पायलट समेत वहां मौजूद कई जवानों की मौत हो जाती थी.
जापान के शासक की तरफ से ऐसे कई पायलटों को लड़ने के लिए मजबूर किया गया, जिन्हें देश के लिए अपनी जान देनी पड़ती थी. बताया जाता है कि कामिकाजी पायलट एक दिन पहले काफी दुख में रहते थे और अपने परिवार और करीबियों को चिट्ठियां लिखा करते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि अगली सुबह वो मौत को गले लगा लेंगे.
अमेरिका को पहुंचाई चोट
जापान के कामिकाजी पायलट्स ने अमेरिका को काफी ज्यादा चोट पहुंचाई. सबसे पहले जापान के इन सुसाइड फाइटर जेट्स ने अमेरिका के पर्ल हार्बर नौसेना बेस पर हमला कर दिया, जिसमें अमेरिका को काफी ज्यादा नुकसान हुआ. यही वजह थी कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान के साथ जंग का ऐलान कर दिया. इसके बाद जब अमेरिकी सेना ने एक जापानी द्वीप पर हमला किया तो कामिकाजी पायलट्स ने युद्धपोतों को तबाह कर दिया.
इस पूरे ऑपरेशन में अमेरिका की जीत तो हुई, लेकिन उसने 12 हजार से ज्यादा सैनिक खो दिए. आखिरकार अमेरिका ने तंग आकर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का फैसला लिया. अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को सुबह करीब आठ बजकर 15 मिनट पर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरा दिया. इसके बाद जापान को सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन शासक ने इनकार कर दिया. जिसके बाद अमेरिका ने इसके तीन दिन बाद नागासाकी पर भी परमाणु हमला कर दिया.
पाकिस्तान ने छेड़ दी चिंगारी?
अब पाकिस्ता ने भारत के रिहायशी इलाकों पर इसी कामिकाजी ड्रोन से अटैक किया है तो इसे एक बड़ी गलती मना जा रहा है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान आग से खेल रहा है, अब भारत की तरफ से सैन्य कार्रवाई शुरू की जा सकती है. बताया गया है कि ये ड्रोन पाकिस्तान को ईरान की तरफ से मिले हैं.
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