जोधपुर में ब्लैकआउट: 7 मई को देश के विभिन्न हिस्सों में एक ब्लैकआउट अभ्यास आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य युद्धकालीन परिस्थितियों में नागरिकों को तैयार करना था। इस दौरान, कई क्षेत्रों में कुछ समय के लिए सभी लाइटें बंद कर दी गईं। जोधपुर में भी कई स्थानों पर पंद्रह मिनट का ब्लैकआउट हुआ, जिसमें लोगों ने अपने घरों की लाइटें बंद रखीं और सड़कों पर यातायात रुक गया। इस दौरान, वाहन चालकों ने जहां थे वहीं अपने इंजन बंद कर दिए। इसी बीच, शहर में एक विवाह समारोह चल रहा था, जहां अचानक अंधेरा छा गया। जैसे ही सायरन की आवाज सुनाई दी, दूल्हे ने सभी लाइटें बंद कर दीं और फिर सेहरा बांधकर ब्लैकआउट खत्म होने का इंतजार करने लगा.
दूल्हे की जिम्मेदारी की सराहना
विवाह स्थल पर शहनाई बज रही थी, तभी सायरन की आवाज सुनाई दी। दूल्हे ने तुरंत समारोह को रोककर घर की सभी लाइटें बंद कर दीं। पंद्रह मिनट बाद जब दोबारा सायरन बजा, तब लाइटें चालू की गईं और आगे के कार्यक्रम पूरे किए गए। शादी में आए मेहमानों ने दूल्हे की इस जागरूकता और जिम्मेदार व्यवहार की जमकर तारीफ की.
पूरा शहर 15 मिनट के लिए थम गया
ब्लैकआउट के दौरान जोधपुर के कई इलाके पूरी तरह अंधेरे में डूब गए। यह अभ्यास इसलिए किया गया ताकि यदि कभी युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो, तो रात के अंधेरे में दुश्मन के विमान नीचे के घरों को न देख सकें और हमले से बचा जा सके.
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच किया गया अभ्यास
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए यह ब्लैकआउट अभ्यास लोगों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार करने हेतु किया गया था। यह अभ्यास नागरिकों को सतर्क करने और उनके भीतर जिम्मेदारी की भावना पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.