नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। ग्लोबल सोवरेन क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को बीबीबी (लो) से एक स्थिर प्रवृति के साथ बीबीबी में अपग्रेड किया है।
यह अपग्रेड भारत की आर्थिक सुधार और मजबूत विकास दर को दर्शाता है।
भारत की अल्पकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को भी स्थिर प्रवृत्ति के साथ आर-2 (मध्यम) से बढ़ाकर आर-2 (उच्च) कर दिया गया है।
इस अपग्रेड के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और डिजिटलीकरण के जरिए भारत का स्ट्रक्चरल सुधार मुख्य कारक है, जिसके तहत फिस्कल कंसोलिडेशन (लोन और घाटे में कमी) और 'व्यापक आर्थिक स्थिरता' के साथ 'निरंतर उच्च विकास' को सुगम बनाया गया।
व्यापक आर्थिक स्थिरता को स्थिर मुद्रास्फीति, सीमित विनिमय दर और सुदृढ़ बाह्य संतुलन के साथ देखा गया है। वहीं, निरंतर उच्च विकास को वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान औसत जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत रहने के अनुमान के साथ देखा गया है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए भारत की दीर्घकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को अपग्रेड किए जाने की जानकारी दी।
उच्च पूंजी पर्याप्तता अनुपात और 13 वर्षों के लो नॉन परफॉर्मिंग लोन के साथ अच्छी तरह से पूंजीकृत बैंकों के फीचर वाला एक मजबूत बैंकिंग सिस्टम अपग्रेड के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण चालक था।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत निवेश दर बढ़ाने वाले सुधारों को लागू करना जारी रखता है, तो क्रेडिट रेटिंग को और बेहतर बनाया जा सकता है, जिससे मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं में वृद्धि होगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा पब्लिक डेट लेवल के बावजूद, स्थानीय मुद्रा मूल्यवर्ग और लंबी परिपक्वता संरचनाओं के कारण डेट सस्टेनेबिलिटी के लिए जोखिम सीमित हैं। इसके अलावा, निरंतर सुधार और जीडीपी की तुलना में पब्लिक डेट के अनुपात में कमी से और भी सुधार हो सकते हैं।
मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस के लिए रेटिंग पैमाना फिच और एसएंडपी रेटिंग पैमानों के समान है। मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस रेटिंग के लिए 'उच्च' और 'निम्न' का इस्तेमाल करता है।
--आईएएनएस
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