क्या होता है Silent Heart Attack? जिसमें धीरे-धीरे मौत की आगोश में समा जाता है इंसान
GH News May 10, 2025 11:06 AM

आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है, ऐसे में आज हम डॉक्टर से साइलेंट अटैक के बारे में जानेंगे.

Silent Heart Attack Symptoms: हार्ट अटैक एक खतरनाक स्थिति होती है, लेकिन जब यह बिना किसी खास लक्षण के आता है, तो इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है. डॉ. आनंद कुमार पांडे (सीनियर कंसलटेंट – कार्डियोलॉजी , मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली) ने बताया कि यह आमतौर पर बिना किसी चेतावनी के होता है और कई बार मरीज को इसका पता भी नहीं चलता. कुछ लोग इसे मामूली थकान, गैस की समस्या या हल्की बेचैनी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह जानलेवा साबित हो सकता है, खासकर अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए.

कैसे होता है साइलेंट हार्ट अटैक?

डॉ. आनंद ने बताया कि साइलेंट हार्ट अटैक में दिल की आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे हार्ट को सही मात्रा में खून नहीं मिलता, लेकिन इसमें आमतौर पर तेज चेस्ट पेन नहीं होता, जो हार्ट अटैक का सबसे बड़ा संकेत माना जाता है. इसके बजाय, मरीज को थकान, हल्की सांस फूलना, पसीना आना, चक्कर आना या अपच जैसी समस्या हो सकती है. कई बार लोग इसे गैस या एसिडिटी समझकर टाल देते हैं, जिससे खतरा और बढ़ जाता है.

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

  • डायबिटीज के कारण नसों की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे दर्द महसूस नहीं होता और साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
  • बुजुर्गों में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनकी धमनियां कमजोर हो जाती हैं.
  • हाई ब्लड प्रेशर से दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
  • अधिक तनाव, जंक फूड, धूम्रपान और व्यायाम की कमी भी इस खतरे को बढ़ा सकती है.

कई बार लोग रात में सोते हुए साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं और सुबह उठ ही नहीं पाते. इसका कारण अचानक कार्डियक अरेस्ट होता है, जिसमें दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं और मरीज को बचाने का समय ही नहीं मिलता. अगर समय रहते पहचान हो जाए, तो इलाज संभव है.

कैसे बचें साइलेंट हार्ट अटैक से?

  • हर छोटी तकलीफ को नजरअंदाज न करें – अगर बिना वजह थकान, पसीना, सांस फूलना या अपच महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं.
  • नियमित हेल्थ चेकअप कराएं – खासकर अगर आप डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या हार्ट डिजीज के मरीज हैं.
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – सही खानपान, नियमित व्यायाम और तनाव कम करके हार्ट को स्वस्थ रखा जा सकता है.
  • ECG और अन्य टेस्ट कराएं – अगर कोई संदेह हो, तो ECG, इकोकार्डियोग्राफी टेस्ट से दिल की स्थिति की जांच करवानी चाहिए.

साइलेंट हार्ट अटैक को पहचानना मुश्किल हो सकता है, लेकिन समय पर अवेयरनेस और सही इलाज से जान बचाई जा सकती है. इसलिए, अगर कोई भी ऐसे लक्षण दिखे, तो डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करे और अपने दिल का ख्याल रखें.

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