EPFO Pension Yojana: 10 साल की नौकरी के बाद पेंशन कैसे और कितनी मिलेगी? » पढ़ें
sabkuchgyan May 10, 2025 01:25 PM

भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह योजना खासकर उन कर्मचारियों के लिए है जो कम से कम 10 साल तक नौकरी कर EPF में योगदान देते हैं। इस योजना के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन मिलती है, जिससे वे अपने जीवन के बाद के चरण में आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

इस लेख में हम समझेंगे कि EPFO के नियमों के अनुसार 10 साल की नौकरी के बाद PF खाताधारकों को कितनी पेंशन मिलती है, पेंशन की गणना कैसे होती है, पेंशन पाने की शर्तें क्या हैं, और पेंशन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां।

ईपीएफओ पेंशन योजना

न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल
पेंशन शुरू होने की उम्र 58 साल
पेंशन की गणना का फॉर्मूला (पेंशनेबल सैलरी × सेवा वर्ष) / 70
न्यूनतम मासिक पेंशन ₹ 1,000
अधिकतम मासिक पेंशन ₹ 7,500
58 साल से पहले पेंशन लेने पर कटौती हर साल 4%
60 साल के बाद पेंशन वृद्धि हर साल 4% की दर से बढ़ोतरी
पेंशन पाने के लिए जरूरी योगदान कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान

EPFO Rule: 10 साल की नौकरी के बाद PF खाताधारकों को कितनी पेंशन मिलेगी?

EPFO की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के तहत, यदि कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल तक नौकरी करता है और EPFO में नियमित योगदान देता है, तो वह पेंशन पाने का हकदार बन जाता है। पेंशन की शुरुआत आमतौर पर 58 साल की उम्र के बाद होती है।

EPFO पेंशन पाने के लिए मुख्य शर्तें

  • न्यूनतम सेवा अवधि: 10 साल
  • पेंशन शुरू होने की उम्र: 58 साल
  • EPFO में पंजीकृत सदस्य होना जरूरी
  • नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान आवश्यक
  • पेंशन की गणना कर्मचारी के अंतिम वेतन और सेवा अवधि के आधार पर होती है

पेंशन की गणना का फॉर्मूला

मासिक पेंशन की गणना के लिए यह फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है:मासिक पेंशन=पेंशनेबल सैलरी×पेंशनेबल सेवा (साल)70\text{मासिक पेंशन} = \frac{\text{पेंशनेबल सैलरी} \times \text{पेंशनेबल सेवा (साल)}}{70}मासिक पेंशन=70पेंशनेबल सैलरी×पेंशनेबल सेवा (साल)

कहाँ

  • पेंशनेबल सैलरी = अंतिम 60 महीनों (5 साल) की औसत बेसिक सैलरी + DA
  • पेंशनेबल सेवा = EPS में योगदान के साल

उदाहरण:

अगर किसी कर्मचारी की पेंशनेबल सैलरी ₹15,000 है और उसने 10 साल तक नौकरी की है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:15,000×1070=₹2,143\frac{15,000 \times 10}{70} = ₹2,1437015,000×10=₹2,143

यानी 10 साल की न्यूनतम सेवा पर भी कर्मचारी को लगभग ₹2,143 प्रति माह पेंशन मिल सकती है।

पेंशन की न्यूनतम और अधिकतम सीमा

  • न्यूनतम मासिक पेंशन: ₹ 1,000
  • अधिकतम मासिक पेंशन: ₹7,500 (सरकार द्वारा बढ़ाने की मांग जारी है)

पेंशन लेने की उम्र से पहले रिटायरमेंट पर कटौती

अगर कोई कर्मचारी 58 साल से पहले पेंशन लेना चाहता है, तो हर एक साल के लिए पेंशन में 4% की कटौती होती है। उदाहरण के लिए, 54 साल की उम्र में पेंशन लेने पर 16% कटौती होगी।

60 साल के बाद पेंशन में वृद्धि

अगर कोई 58 साल के बाद भी पेंशन क्लेम नहीं करता है, तो 60 साल की उम्र में उसे 4% प्रति वर्ष की दर से बढ़ोतरी के साथ पेंशन मिलेगी।

EPFO पेंशन योजना के अन्य महत्वपूर्ण पहलू

  • कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान:
    कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% EPF में योगदान करते हैं। इसमें से नियोक्ता का 8.33% हिस्सा EPS (पेंशन योजना) में जाता है और बाकी EPF में जमा होता है।
  • पेंशन का लाभ:
    यह पेंशन योजना कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित मासिक आय प्रदान करती है, जिससे वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हैं।
  • पेंशन के प्रकार:
    • सुपरएन्युएशन पेंशन: 58 साल की उम्र के बाद शुरू होती है।
    • विधवा/विधुर पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार को मिलती है।
    • विकलांगता पेंशन: कर्मचारी की असमर्थता की स्थिति में मिलती है।
  • पेंशन क्लेम प्रक्रिया:
    पेंशन के लिए आवेदन EPFO के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए कर्मचारी को आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं और पेंशन फॉर्म भरना होता है।
दा-पेंशन-हाइक -7500-फाइनल

निष्कर्ष

EPFO की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) 10 साल की नौकरी करने वाले PF खाताधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुरक्षा योजना है। 10 साल की न्यूनतम सेवा पूरी करने पर भी कर्मचारी को पेंशन मिलने का अधिकार होता है, जो 58 साल की उम्र के बाद शुरू होती है। पेंशन की राशि कर्मचारी के अंतिम वेतन और सेवा अवधि पर निर्भर करती है। सरकार ने पेंशन की न्यूनतम राशि ₹1,000 प्रति माह निर्धारित की है, जबकि अधिकतम पेंशन ₹7,500 तक हो सकती है। 58 साल से पहले पेंशन लेने पर कटौती होती है, और 60 साल के बाद पेंशन में बढ़ोतरी मिलती है।

इस योजना के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकते हैं।

अस्वीकरण: यह जानकारी EPFO के वर्तमान नियमों और सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। पेंशन राशि कर्मचारी के वेतन, सेवा अवधि और योगदान पर निर्भर करती है। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं, इसलिए पेंशन से जुड़ी अंतिम जानकारी के लिए EPFO की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी कार्यालय से संपर्क करना उचित रहेगा। इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य समझ के लिए है, व्यक्तिगत मामलों में विशेषज्ञ सलाह लेना बेहतर होगा।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.