हरियाणा के छोटे गांव से निकली IAS अफसर, दूसरे प्रयास में मिली कामयाबी
Himachali Khabar Hindi May 10, 2025 06:42 PM

Success Story : यूपीएससी देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसी आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने कड़ी मेहनत कर सफलता हासिल की है।

पहले प्रयास में रहीं असफल

संघ लोक सेवा आयोग नौकरी

आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिन्होंने साल 2017 में पहली बार सिविल सेवा परीक्षा देने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रही, जिसके बाद उनके पास दो ऑप्शन थे: पहला कि वह इसे छोड़ दें और दूसरा यह कि वह अपनी गलतियों से सीखे और दोबारा प्रयास करे। दरअसल, हम बात कर रहे हैं अंकिता चौधरी की, जिन्होंने दूसरा ऑप्शन चुना और दोबारा परीक्षा की तैयारी की।

मिडिल क्साल घर में पली-बढ़ी

हरियाणा के रोहतक जिले से ताल्लुक रखने वाली अंकिता एक साधारण, लोअर मिडिल क्साल घर में पली-बढ़ी हैं। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । उसके पिता एक चीनी कारखाने में अकाउंटेंट के रूप में काम करते थे। अंकिता बचपन से ही एक होनहार छात्रा थी और वह स्वतंत्र और सफल होने का सपना देखती थी।

मास्टर्स के दौरान की यूपीएससी की तैयारी 

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन करने के बाद, अंकिता ने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया। उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन प्रोग्राम में एडमिशन लेने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। आईआईटी दिल्ली से मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए पूरी तरह से तैयार थीं।

तैयारी के दौरान हुई मां की मौत

हालांकि, यूपीएससी की तैयारी के दौरान, उनकी मां की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस घटना ने उन्हें बहुत प्रभावित किया, लेकिन उन्होंने अपने सपने को नहीं छोड़ा। उन्होंने अपनी दिवंगत मां को श्रद्धांजलि के रूप में अपने IAS अधिकारी बनने की इच्छा को फिर से जगाया, जिसके लिए उनके पिता ने उनका समर्थन किया।

ऑल इंडिया 14वीं रैंक के साथ बनीं IAS

अंकिता ने साल 2018 में दृढ़ निश्चय के साथ दूसरी बार UPSC परीक्षा दी और ऑल इंडिया 14वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता के प्रयासों और कड़ी मेहनत को देती हैं।

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