म्यूचुअल फंड निवेशक अप्रैल में सावधानी बरत रहे हैं, डेट की ओर रुख कर रहे हैं, देखिये कैसे बदल रहा है इन्वेस्टमेंट
et May 10, 2025 06:42 PM
स्टॉक मार्केट में रिटेल इन्वेस्टर्स म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करते हैं. डेटा बता रहा है कि अप्रैल 2025 में म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में कमी आई है.इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेशकों की दिलचस्पी कम हो गई है, क्योंकि टैरिफ विवाद के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने डेट और हाइब्रिड स्कीम्स में एकमुश्त पैसा लगाना शुरू कर दिया है. अप्रैल में निवेशकों ने इक्विटी इक्विटी म्यूचुअल फंड में 24,269 करोड़ रुपए का निवेश किया, जो मार्च में 25,802 रुपए करोड़ से कम है. उन्होंने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से पैसा लगाना जारी रखा है , जहां महीने के दौरान क्लेक्शन बढ़कर 26,632 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले महीने के 25,926 करोड़ रुपए से अधिक था.अप्रैल में डेट फंडों में 2.19 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि पिछले महीने 2.02 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, क्योंकि कॉरपोरेट्स ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अधिशेष धन आवंटित किया था. फिक्स्ड इनकम के चलते म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एवरेज असेट मैनेजमेंट (एयूएम) 4.2% बढ़कर ₹69.50 लाख करोड़ हो गई, जो मार्च में 66.70 लाख करोड़ रुपए थी.इक्विरस वेल्थ के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकुर पुंज ने कहा, "डेट एलोकेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लिक्विड और लिक्विड-प्लस स्ट्रैटेजी की ओर निर्देशित किया गया था, जो संभवतः भविष्य में बेहतर निवेश के अवसरों की प्रत्याशा में फंड की अल्पकालिक पार्किंग के लिए प्राथमिकता का सुझाव देता है."लिक्विड फंड में 1.19 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि ओवरनाइट फंड में 23,900 करोड़ रुपये और मनी मार्केट फंड में 31,500 करोड़ रुपये जोड़े गए.इक्विटी स्कीमों में निवेशकों ने सबसे ज़्यादा पैसा फ्लेक्सीकैप फंड में लगाया, जिसमें 5,542 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जो पिछले महीने के 5,615 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है. स्मॉल-कैप फंड को पिछले महीने के 4,092 करोड़ रुपये की तुलना में 4,000 करोड़ रुपये मिले, जबकि मिडकैप को 3,439 करोड़ रुपये की तुलना में 3,314 करोड़ रुपये मिले. सेक्टोरल और थीमैटिक फंड में मार्च में 170 करोड़ रुपये की तुलना में 2,001 करोड़ रुपये जोड़े गए. लार्ज-कैप फंड ने पिछले महीने 2,479 करोड़ रुपये की तुलना में 2,671 करोड़ रुपये जुटाए. हाइब्रिड फंडों में इक्विटी, डेट और गोल्ड के मिक्स में निवेश करने वाले मल्टी-एसेट एलोकेशन फंडों में पिछले महीने के 1,670 करोड़ रुपए की तुलना में 2,106 करोड़ रुपए का निवेश हुआ.आर्बिट्रेज फंडों में अप्रैल में 11,790 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जबकि पिछले महीने 2,855 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था, क्योंकि कॉरपोरेट निवेशकों ने लिक्विड फंडों की तुलना में इस कैटेगरी में टैक्स दक्षता के लिए वित्तीय वर्ष के पहले महीने में पैसा लगाया था. अप्रैल में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) से निवेश में कमी आई. इस श्रेणी में 6 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जबकि मार्च में 77 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट नेहल मेश्राम ने कहा कि हालांकि यह उलटफेर बहुत कम है, लेकिन इससे पता चलता है कि मार्च में देखा गया मुनाफावसूली का दौर अब समाप्त हो चुका है, क्योंकि कुछ निवेशक वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए सतर्क
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