भारत की डिफेंस आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिखेगी लखनऊ से ब्रह्मोस की उड़ान
Udaipur Kiran Hindi May 10, 2025 10:42 PM

-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को करेंगे लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का शुभारंभ

लखनऊ, 10 मई . उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने जा रहा है. उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की प्रोडक्शन यूनिट का शुभारंभ होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअल माध्यम के जरिए दिल्ली से इस समारोह में शामिल होंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे. यह कदम उत्तर प्रदेश और भारत की डिफेंस आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालातों में सामरिक शक्ति को नई धार देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

इस अवसर पर रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयस मैटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन करेंगे. यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा. इसके साथ ही ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का भी लोकार्पण होगा जो मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की थी. यह योगी सरकार की प्राथमिकता में रहा है. इस कॉरिडोर के छह नोड्स- लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी, और चित्रकूट में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक निवेश हो रहा है. लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस यूनिट के साथ-साथ रक्षा परीक्षण अवसंरचना प्रणाली (डीटीआईएस) का भी शिलान्यास किया जाएगा जो रक्षा उत्पादों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन में सहायता मिलेगी. सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक उद्घाटन समारोह में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एयरो एलॉय टेक्नोलॉजी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान डीआरडीओ के सचिव डॉ. समीर वी. कामत और पीटीसी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल भी अपने विचार व्यक्त करेंगे.

भारत की सामरिक ताकत का नया प्रतीक है ब्रह्मोस

उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर स्थापित यह ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है. इसके लिए योगी सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराई थी, जिसका निर्माण मात्र साढ़े तीन वर्षों में पूरा हुआ. ब्रह्मोस मिसाइल जो भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है, दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है. यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है और ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के राडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने वाला उत्तर प्रदेश देश का दूसरा राज्य है. उत्तर प्रदेश से पहले तमिलनाडु में 2019 में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित किया जा चुका है. दोनों कॉरिडोर ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का हिस्सा हैं, जिनका लक्ष्य रक्षा आयात पर निर्भरता कम करना, स्वदेशी उत्पादन बढ़ाना और रोजगार सृजन करना है. ये कॉरिडोर निजी कंपनियों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देते हैं. उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर छह नोड्स पर विकसित किया जा रहा है, जिसमें लखनऊ के अलावा कानपुर, झांसी, अलीगढ़, आगरा और चित्रकूट शामिल हैं. ये नोड्स पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और अन्य प्रमुख राजमार्गों के कैचमेंट क्षेत्र में हैं जो लॉजिस्टिक्स और परिवहन को आसान बनाते हैं. नोडल एजेंसी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की अगुवाई में निर्मित हो रहे कॉरिडोर की रणनीतिक स्थिति रक्षा उत्पादन इकाइयों को कच्चे माल, तैयार माल के परिवहन और निर्यात के लिए उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स सुविधा प्रदान करती है. यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में योगदान को और मजबूत करता है.

/ दिलीप शुक्ला

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