जयपुर, 10 मई . राजस्थान में बढ़ते सुरक्षा खतरे और संभावित आपात परिस्थितियों को देखते हुए शनिवार को शासन सचिवालय में नागरिक सुरक्षा सलाहकार समिति की पहली बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव सुधांश पंत ने की. इस दौरान प्रदेश में नागरिक सुरक्षा को लेकर की जा रही तैयारियों की गहन समीक्षा की गई.
मुख्य सचिव ने राज्य के रणनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों को सतर्क रहने और नागरिक सुरक्षा तंत्र को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सक्रिय करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा या संकट की स्थिति में नागरिकों और संपत्तियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.
बैठक में होमगार्ड, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा विभाग, जिला प्रशासन, और आपदा प्रबंधन विभाग के समन्वय से एक व्यवस्थित नागरिक सुरक्षा योजना तैयार करने पर जोर दिया गया. इसके तहत
संभावित हवाई हमलों, ब्लैकआउट, भवनों में आग, बचाव कार्य, और प्राथमिक उपचार जैसे बिंदुओं पर विशेष तैयारी करने के निर्देश दिए गए.
संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर वहां चेतावनी प्रणाली, ब्लैकआउट अभ्यास और निकासी योजनाएं लागू करने को कहा गया.
पंत ने कहा कि आपदा के समय सिर्फ प्रशासनिक तंत्र नहीं बल्कि जन भागीदारी भी अत्यंत जरूरी है. उन्होंने नागरिक सुरक्षा वार्डन, स्वयंसेवी समूह, एनसीसी, और एनएसएस के व्यापक नामांकन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही. इसके साथ ही जन-जागरूकता अभियान, आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता और सामुदायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया गया.
बैठक में निदेशक नागरिक सुरक्षा विभाग जगजीत सिंह मोंगा ने प्रदेश में गृह रक्षा, अग्निशमन सेवाएं और नागरिक सुरक्षा व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए सशक्त और सक्रिय नागरिक सुरक्षा प्रणाली का होना अत्यंत आवश्यक है.
बैठक में गृह विभाग, चिकित्सा विभाग, डिस्कॉम, पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में आपातकालीन तैयारियों को लेकर समन्वय और तेजी से कार्य करने की सहमति दी.
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/ रोहित